इधर मुख्तार की मौत,उधर मन्ना सिंह के परिवार ने बहाए खुशी के आंसू,14 साल बाद चढ़ाई तस्वीर पर माला

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Mukhtar Ansari Death: यूपी के माफिया मुख्तार अंसारी का अंत हो चुका है. यह पूर्वांचल का वह नाम है जिसको लेने से बड़े-बड़े नेता और माफिया कांप जाया करते थे. यूपी में सरकार चाहे जिसकी रही हो,लेकिन 90 के दशक से लेकर साल 2017 माफिया की तूती बोलती थी. माफिया के निधन की खबर मीडिया और राजनीतिक गलियारों में आग की तरह फैल गई. विपक्षी दल लगातार मुख्तार अंसारी की मौत की न्यायिक जांच मांग कर रहे है. माफिया की मौत पर सियासत छिड़ी हुई है. इसी सियासत के बीच कुछ परिवार ऐसे भी है,जिनके घर खुशी का माहौल है.

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मंजू सिंह ने जताई खुशी

दरअसल, ये वो परिवार है जो कि माफिया मुख्तार अंसारी के जुल्मों का शिकार हुए थे.इनमें से एक परिवार ठेकेर अजय प्रकाश सिंह उर्फ मन्ना का है,जिनकी दिनदहाड़े गाजीपुर के चौराहे पर हत्या कर दी गई थी. मन्ना सिंह की पत्नी मंजू ने कहा कि उन्हें अब जाकर सुकून मिल पाया है. मुख्तार अंसारी की मौत पर कुशमौर कैथौली के रहने वाले ठेकेदार मन्ना सिंह की पत्नी मंजू सिंह ने खुशी जताई और कहा कि जब उन्होंने सुना कि मुख्तार अंसारी की मौत हो गई है तो उनकी आंखों से खुशी के आंसू आ गए. वो बरसों से इसी दिन का इंतजार कर रही थीं.

मंजू सिंह ने भगवान को धन्यवाद कहा

बताते चले कि माफिया के जुल्मों का शिकार हुए परिवारों में मुख्तार अंसारी की मौत की खबर से लोग खुश है. मन्ना की पत्नी मंजू सिंह ने कहा कि पति की हत्या के बाद वो पूरी तरह से टूट गईं थी और तब से इसी दिन का इंतजार कर रही थीं. गुरुवार रात को साढ़े नौ बजे के आसपास उन्हें मुख्तार अंसारी की मौत की खबर मिली तो पति की मौत के बारे में सोचकर उनकी आंखों में आंसू आ गए. मंजू सिंह ने भगवान को धन्यवाद देते हुए काम कि देते हुए कहा कि देर से ही सही लेकिन भगवान फैसला जरूर करता है. पति की मौत के बाद मैं पूरी तरह से टूट गई थी. इस सदमे को आज भी नहीं भूल पाई हूं.

क्या था मन्ना सिंह हत्याकांड

आपको बता दे कि साल 2009 में ठेकेदार मन्ना सिंह की हत्या हुई थी. जब 29 अगस्त को ठेकों में कमीशन को लेकर अजय प्रकाश सिंह उर्फ खन्ना सिंह की गाजीपुर तिराहे पर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में रामसिंह मौर्या और मन्ना सिंह की सुरक्षा में तैनात सिपाही सतीश कुमार दो गवाह थे. लेकिन , गवाही से पहले ही 19 मार्च 2010 में उनकी भी हत्या कर दी गई. मन्ना सिंह हत्याकांड में कोई सबूत या गवाह नहीं होने की वजह से मुख़्तार अंसारी छूट गया था. मंजू सिंह ने कहा कि देर से ही सही लेकिन भगवान ने न्याय किया है.

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