Nepal News: नेपाल में भारी बारिश के चलते बाढ़ और भूस्खलन ने जमकर तबाही मचाई है। अब तक इस प्राकृतिक आपदा में 112 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 79 लोग अभी भी लापता हैं, जिनमें से 16 लोग काठमांडू घाटी से हैं। भूस्खलन और जलभराव के कारण जनजीवन पूरी तरह से ठप हो गया है। नेपाल की सरकार ने 3,000 से अधिक लोगों को बचाने में सफलता हासिल की है, लेकिन अभी भी देश के 63 प्रमुख राजमार्ग अवरुद्ध हैं, जिससे राहत कार्यों में भी मुश्किलें आ रही हैं।
देश के कई हिस्सों में बिजली गुल
नेपाल की राजधानी काठमांडू भी बाढ़ की मार से अछूती नहीं रही। यहां भारी बारिश के कारण 226 से अधिक घर जलमग्न हो गए हैं। इसके अलावा, बाढ़ के कारण मुख्य ट्रांसमिशन लाइन क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे शनिवार को पूरे काठमांडू में बिजली गुल हो गई थी। हालांकि, शाम तक बिजली बहाल कर दी गई। भारी बारिश के कारण काठमांडू के मुख्य पहुंच मार्ग भी भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे राजधानी से संपर्क कट गया है।
प्रधानमंत्री ने बुलाई आपात बैठक, स्कूल किए बंद
नेपाल में बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए कार्यवाहक प्रधानमंत्री प्रकाश मान सिंह ने गृह मंत्री, गृह सचिव और अन्य मंत्रियों के साथ एक आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में खोज और बचाव अभियान को और तेज करने के निर्देश दिए गए। सरकार ने देश भर में सभी स्कूलों को तीन दिनों के लिए बंद करने का आदेश दिया है और चल रही परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है। प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की जा रही है।
बिहार में भी बाढ़ का खतरा, सरकार ने जारी किया अलर्ट
नेपाल में आई इस बाढ़ के प्रभाव से बिहार भी अछूता नहीं रहेगा। नेपाल की नदियों में जलस्तर बढ़ने से बिहार में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बिहार सरकार ने राज्य के उत्तरी हिस्सों के लिए भारी बारिश और बाढ़ की चेतावनी जारी की है। गंडक, कोसी, महानंदा और अन्य नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ने की आशंका जताई जा रही है, जिससे पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, गोपालगंज, सीवान, सीतामढ़ी, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, सुपौल, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर और मधुबनी जैसे जिले सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं।
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राज्य सरकार ने किए राहत कार्य शुरू
बिहार सरकार ने संभावित बाढ़ को देखते हुए त्वरित बचाव और राहत अभियान शुरू कर दिया है। आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने के साथ-साथ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए टीमें तैनात कर दी हैं। सरकारी एजेंसियां स्थिति पर पूरी नजर रखे हुए हैं और लगातार लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
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नेपाल-बिहार के हालात चिंताजनक
नेपाल में आई यह बाढ़ न केवल देश के लिए बल्कि उसके पड़ोसी भारत के राज्यों के लिए भी खतरे की घंटी है। नेपाल और बिहार में बाढ़ की स्थिति अत्यधिक गंभीर होती जा रही है। नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जबकि बिहार भी इससे प्रभावित होने वाला है। सरकारों द्वारा तेजी से बचाव और राहत कार्य चलाए जा रहे हैं, लेकिन इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए दीर्घकालिक समाधान की जरूरत है। जलवायु परिवर्तन और बाढ़ के बढ़ते खतरों के चलते ऐसी आपदाओं का भविष्य में आना अवश्यंभावी है। ऐसे में समय रहते ठोस कदम उठाना बेहद जरूरी है, ताकि जान-माल का नुकसान कम से कम हो सके।
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