हार्टबर्न, जिसे ‘acid reflux’ या ‘गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज’ (GERD) भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें पेट का अम्ल (acid) अन्ननली (esophagus) में वापस चला जाता है। यह असुविधा, जलन या दर्द का कारण बनता है, खासकर छाती के मध्य भाग में। हार्टबर्न की समस्या को आमतौर पर लोग हार्ट की बीमारी से जोड़कर सोचते हैं, लेकिन यह दिल से संबंधित नहीं होती। यह पेट की समस्या है और इस स्थिति के लक्षण दिल की बीमारियों से मिलते-जुलते हो सकते हैं।
हार्टबर्न के लक्षण

हार्टबर्न के लक्षणों में आमतौर पर छाती में जलन (heartburn), गले में खराश, पेट में भारीपन, उल्टी या खट्टी डकारें, और खाने के बाद हल्का दर्द शामिल होता है। कभी-कभी, यह दर्द छाती के बाईं तरफ भी महसूस हो सकता है, जो दिल के दर्द जैसा प्रतीत हो सकता है, लेकिन यह केवल पेट के अम्ल का गले में चढ़ने की वजह से होता है। अगर यह स्थिति गंभीर हो, तो यह स्वास लेने में कठिनाई और निगलने में परेशानी का कारण भी बन सकती है।
Read More:Blood Group: डाइट और वजन घटाने के उपाय, जानें कौन सा ब्लड ग्रुप किस प्रकार का ले आहार?
हार्टबर्न के कारण
हार्टबर्न तब होता है जब पेट का अम्ल अन्ननली में वापस आ जाता है। सामान्यत: पेट और अन्ननली के बीच एक वाल्व (lower esophageal sphincter) होता है जो पेट के अम्ल को वापस अन्ननली में जाने से रोकता है। अगर यह वाल्व ठीक से काम नहीं करता, तो पेट का अम्ल वापस ऊपर आता है और हार्टबर्न की समस्या उत्पन्न होती है।

अत्यधिक मसालेदार और तैलीय भोजन: भारी, तला-भुना या मसालेदार भोजन खाने से पेट का अम्ल बढ़ता है, जिससे हार्टबर्न हो सकता है।
अधिती भोज्य पदार्थ: शराब, कॉफी, चॉकलेट, और खट्टे फल भी अम्लीय होते हैं, जो हार्टबर्न का कारण बन सकते हैं।
तंबाकू और धूम्रपान: तंबाकू सेवन से भी पेट का अम्ल उत्पादन बढ़ सकता है।
अधिक वजन या मोटापा: अधिक वजन होने पर पेट पर दबाव बढ़ता है, जिससे पेट का अम्ल ऊपर की ओर उठ सकता है।
गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन और बढ़ते हुए गर्भाशय के कारण भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
Read More:Healthy Heart: आपका Heart है हेल्दी? दिल की सेहत का रखें ख्याल, जाने इसके लक्षण और लाभ
हार्टबर्न से बचाव के उपाय
हार्टबर्न से बचने के लिए कुछ सामान्य सावधानियां बरतने से इस समस्या को कम किया जा सकता है।

भारी भोजन से बचें: खाने के बाद तला-भुना और मसालेदार भोजन से बचें। हल्का भोजन लें जो आसानी से पच सके।
छोटे और बार-बार भोजन करें: पूरे दिन में तीन बड़े भोजन की बजाय छोटे-छोटे भोजन करने से पेट पर दबाव कम होता है।
खाने के बाद न लेटें: खाने के बाद तुरंत लेटने से बचें, इससे पेट का अम्ल ऊपर उठ सकता है। कम से कम 2-3 घंटे तक लेटने से बचें।
धूम्रपान और शराब से बचें: तंबाकू और शराब का सेवन हार्टबर्न को बढ़ाता है, इसलिए इनसे बचें।
वजन नियंत्रित रखें: अधिक वजन हार्टबर्न का कारण बन सकता है, इसलिए वजन पर नियंत्रण रखना जरूरी है।
तनाव कम करें: तनाव भी हार्टबर्न का कारण बन सकता है, इसलिए तनाव को कम करने के उपाय करें जैसे योग, प्राणायाम, और ध्यान।