सोते वक्त बेचैन करने वाले ख्याल आना: जान लें Night Anxiety से बचने का तरीका

Mona Jha
By Mona Jha

Night Anxiety Prevention Tips: कभी-कभी, एक लंबी और थकाऊ दिन के बाद, सोने के लिए बिस्तर पर जाते ही दिमाग एक नई परेशानी में खो जाता है। अगर आप भी तकिए पर सिर रखते ही अलग-अलग चिंताओं और विचारों से घिर जाते हैं, तो आपको नाइट एंग्जायटी (Night Anxiety) का सामना करना पड़ सकता है।

नाइट एंग्जायटी वह स्थिति है जब आप सोने की कोशिश करते हैं, लेकिन आपका दिमाग चिंताओं और विचारों के बीच उथल-पुथल करता रहता है। यह मानसिक बेचैनी और तनाव का कारण बनता है, जिससे आपकी नींद प्रभावित हो जाती है और आप रातभर करवटें बदलते रहते हैं।

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क्या होती है Night Anxiety?

रात को सोते समय बॉडी स्ट्रेस बढ़ जाता है। जिसके कारण नींद में खलल पड़ता है। नींद पूरी न होने का असर अगले दिन आपकी सेहत पर भी पड़ता है।नाइट एंग्जायटी जीवन में चल रही किसी समस्या या बदलाव के कारण होती है. सोते समय दिमाग में लाइफ की परेशानियां आने लगती हैं। इसे मैनेज करने के लिए आप यहां बताए टिप्स को फॉलो कर सकते हैं।

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नाइट एंग्जायटी के सामान्य कारण:

दिनभर की चिंताएँ: दिन के दौरान अनुभव किए गए तनाव और समस्याएँ रात को दिमाग में तैरने लगती हैं।
अधिक स्क्रीन टाइम : देर रात तक मोबाइल या कंप्यूटर का उपयोग दिमाग को सक्रिय रख सकता है।
अनियमित नींद का शेड्यूल : नींद का समय बदलना या असामान्य नींद की आदतें भी नाइट एंग्जायटी का कारण बन सकती हैं।
स्वास्थ्य समस्याएँ : शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ भी नींद में बाधा डाल सकती हैं।

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नाइट एंग्जायटी से राहत के उपाय

  • ध्यान और योग: रात को सोने से पहले ध्यान और योग से मानसिक शांति प्राप्त की जा सकती है।
  • रात की दिनचर्या : एक नियमित सोने का समय निर्धारित करें और रात को सोने से पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग कम करें।
  • सपनों की डायरी : अपने विचारों और चिंताओं को लिखने से दिमाग को शांत करने में मदद मिल सकती है।
  • आरामदायक वातावरण : सोने के कमरे को शांत, अंधेरा और आरामदायक बनाएं।
  • शारीरिक गतिविधि : नियमित व्यायाम से भी मानसिक तनाव कम किया जा सकता है, लेकिन सोने के समय के करीब व्यायाम से बचें।
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