‘Rahul Gandhi क्या हालात बिगाड़ने आए हैं’, Manipur सीएम बीरेन सिंह ने किया सवाल?

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Bharat Jodo Nyay Yatra: कांग्रेस पार्टी की सफल भारत जोड़ो यात्रा के बाद अब भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरूआत 14 जनवरी को मणिपुर की राजधानी इंफाल से हो गई है.जिसमें पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हो रहे हैं.वहीं बीते दिन रविवार को राहुल गांधी के मणिपुर पहुंचने पर राज्य के मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह ने सवाल खड़े कर दिए हैं.सीएम का कहना है कि,अब जब मणिपुर के हालात बेहतर हो रहे हैं यहां की स्थिति लगातार सुधर रही है तो राहुल गांधी क्या राज्य में हालात को खराब करने के लिए आए हैं।

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सीएम ने राहुल गांधी के मणिपुर पहुंचने पर उठाए सवाल

इंफाल में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह ने राज्य के हालातों पर चिंता जताते हुए कहा,मणिपुर की मौजूदा स्थिति को देखते हुए इस तरह की रैली और राजनीति राहुल गांधी को नहीं करनी चाहिए.यहां अभी रैली करने का ठीक समय नहीं है.मणिपुर में लोगों के जान-माल की रक्षा करने और उनको ढांढस बंधाने का ये वक्त है और ऐसे समय में राहुल गांधी मणिपुर आकर रैली कर रहे हैं ये ठीक नहीं है।

29 जून को भी राहुल गांधी पहुंचे थे मणिपुर

आपको बता दें कि,कांग्रेस नेता राहुल गांधी 29 जून को मणिपुर पहुंचे थे जहां उन्होंने भाजपा की केंद्र सरकार के ऊपर जमकर हमला बोला था और कहा था कि,वो साल 2004 से राजनीति में हैं लेकिन पहली बार ऐसा राज्य देखा जहां पर सरकारी ढांचा ध्वस्त हो गया था.मणिपुर पहले ऐसा कभी नहीं था यहां हुई हिंसा में कई भाई-बहन,माता-पिता की मौत हो गई लेकिन आज तक भारत के प्रधानमंत्री आपके आंसू पोंछने के लिए यहां नहीं आए हैं.ये बेहद ही शर्मनाक बयान है।

मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह ने राहुल गांधी के मणिपुर पहुंचने पर उन पर जमकर निशाना साधा है और कहा कि,राहुल गांधी क्या मणिपुर में गड़बड़ी करने आए हैं वो जब मणिपुर आते हैं कोई न कोई समस्या खड़ी करते हैं जहां तक इस बार का सवाल है तो मणिपुर पूरी तरह से सतर्क है।उन्होंने कहा कि,राहुल गांधी और कांग्रेस ने भारत जोड़ो नहीं भारत तोड़ो यात्रा निकाली है।

मणिपुर जातीय हिंसा में अबतक 180 से ज्यादा की मौत

आपको बता दें कि,साल 2023 में मणिपुर में स्थिति बेहद भयावह रही थी जहां काफी लंबे समय तक हिंसा होती रही.मणिपुर में मैतेयी और कुकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा में अब तक 180 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.मैतेयी समुदाय की अनुसूचित जनजाति दर्ज की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किए जाने के बाद पहली बार 3 मई को हिंसा हुई थी.मणिपुर में मैतेयी समुदाय की आबादी लगभग 53 प्रतिशत है जो ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं जबकि कुकी समुदाय की आबादी यहां 40 प्रतिशत है जो पर्वतीय जिलों में रहते हैं।

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