Haryana Election Results: सत्ता की वापसी की ओर BJP, कांग्रेस के लिए बड़ा झटका…चुनाव की बदलती बिसात

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit

Haryana Election Results: हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) के रुझानों ने राज्य की राजनीति में एक दिलचस्प मोड़ ला दिया है। शुरुआत के एक-दो घंटे तक यही लग रहा था कि कांग्रेस बढ़त बनाए हुए थी, लेकिन समय बीतने के साथ तस्वीर बदल गई। सुबह 9:30 के बाद से बीजेपी (BJP) ने तेजी से बढ़त हासिल की और अब बहुमत के आंकड़े के करीब पहुंचती दिख रही है। यह स्थिति न सिर्फ राजनीतिक विश्लेषकों के लिए यह चौंकाने वाली बात है, बल्कि कांग्रेस (Congress) के लिए बड़ा झटका साबित हो रहा है। बीजेपी अगर इस बढ़त को बरकरार रखते हुए राज्य में अपने दम पर सरकार बनाती नजर आ रही है।

Read more: 2026 तक नक्सलवाद का पूरी तरह सफाया! Amit Shah ने की बड़ी घोषणा, नक्सलियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन की तैयारी

क्षेत्रीय प्रदर्शन में राजनीतिक नक्शे की बदलती बिसात

हरियाणा की राजनीति को चार प्रमुख क्षेत्रों में बांटा जाता है—जाटलैंड, अहीरवाल, बागड़, और कुरुक्षेत्र। इन क्षेत्रों में हुए चुनावी रुझानों पर गौर करें तो बीजेपी का प्रदर्शन मजबूत दिख रहा है, जबकि कांग्रेस को कुछ इलाकों में झटका लगा है।

जाटलैंड (17 सीटें)

जाटलैंड (Jatland) को कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है, लेकिन इस बार रुझान कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। यहां बीजेपी 8 सीटों पर आगे है, जबकि कांग्रेस 7 सीटों पर। यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है क्योंकि जाटलैंड में उसे अधिक बढ़त की उम्मीद थी। जाट समुदाय पर आधारित यह क्षेत्र कांग्रेस की ताकत मानी जाती थी, लेकिन इस बार कांग्रेस की पकड़ कमजोर होती दिख रही है।

अहीरवाल (28 सीटें)

अहीरवाल (Ahirwal) क्षेत्र में बीजेपी का प्रदर्शन शानदार रहा है। यहां पार्टी 21 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस 7 सीटों पर सीमित रही है। यह इलाका बीजेपी का गढ़ माना जाता है, और पार्टी ने अपनी पकड़ को और मजबूत किया है। यह क्षेत्र मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के लिए भी महत्वपूर्ण है, और बीजेपी का यहां का अच्छा प्रदर्शन पार्टी के लिए मजबूत संकेत देता है।

बागड़ (18 सीटें)

बागड़ (Bagad) में बीजेपी को 6 सीटों पर बढ़त है, जबकि कांग्रेस 2 सीटों पर आगे है। यहां अन्य पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों का भी खासा प्रभाव है। क्षेत्रीय समीकरण के आधार पर यहां कई स्थानीय मुद्दे भी महत्वपूर्ण रहे हैं, जो कांग्रेस के प्रदर्शन पर असर डाल रहे हैं।

कुरुक्षेत्र (27 सीटें)

कुरुक्षेत्र (Kurukshetra) क्षेत्र में बीजेपी 13 सीटों पर आगे है, जबकि कांग्रेस 12 सीटों पर पीछे नहीं है। यह क्षेत्र हमेशा से राजनीतिक रूप से अस्थिर रहा है और इस बार भी मुकाबला कड़ा है।

Read more: Haryana Election: कांग्रेस की सत्ता में वापसी के आसार, भूपेंद्र हुड्डा बोले-‘न मैं टायर्ड हूं, न रिटायर्ड’

बीजेपी की सफलता के प्रमुख कारण

सत्ता विरोधी लहर नहीं, सत्ता पक्ष का मिला पूर्ण समर्थन

बीजेपी का प्रदर्शन इस चुनाव में सत्ता विरोधी लहर की बजाय सत्ता पक्ष के समर्थन की कहानी कहता है। 10 साल सत्ता में रहने के बावजूद बीजेपी को व्यापक समर्थन मिलता दिख रहा है। यह पार्टी के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, बीजेपी ने पिछले एक दशक में राज्य में विकास के कई अहम वादे किए और उनमें से कुछ को पूरा करने का दावा किया। इसका असर जनता पर पड़ा है, जो इस बार बीजेपी को एक और मौका देने के मूड में दिख रही है।

घोषणापत्र की प्रभावशीलता

बीजेपी ने चुनाव के दौरान कई प्रभावी वादे किए, जिनमें अग्निवीर योजना, महिलाओं के लिए पेंशन, और 2 करोड़ नौकरियों का वादा शामिल था। खासतौर पर अग्निवीर योजना युवाओं में चर्चित रही, और महिलाओं के लिए पेंशन योजना ने महिला मतदाताओं को लुभाया। इन योजनाओं का असर बीजेपी के पक्ष में दिखाई दे रहा है।

कांग्रेस में आंतरिक असंतोष और टिकट बंटवारा बना वजह

कांग्रेस की हार के पीछे पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर मचा असंतोष भी अहम कारण माना जा रहा है। कुमारी शैलजा (Kumari Shailaja) और रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) जैसे बड़े नेताओं की नाराजगी और पार्टी के भीतर तालमेल की कमी ने कांग्रेस को कमजोर किया। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के कई बड़े नेता मैदान में सक्रिय नहीं दिखे, जिससे पार्टी को नुकसान हुआ।

Read more: India and Maldives: 400 मिलियन डॉलर के मुद्रा विनिमय समझौते पर हुए हस्ताक्षर,मुइज्जू ने मदद के लिए PM मोदी को कहा धन्यवाद

इन मुख्य चेहरों का रहा चुनावी संघर्ष: कौन आगे, कौन पीछे

हरियाणा के चुनावी मैदान में कई बड़े चेहरे अपनी राजनीतिक किस्मत आजमा रहे हैं। रुझानों में कुछ प्रमुख चेहरों की स्थिति यह है:

  1. नायब सिंह सैनी (लाडवा): बीजेपी के नायब सिंह सैनी 732 वोटों से आगे चल रहे हैं।
  2. बृजेंद्र सिंह (उचाना कलां): कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह 1188 वोटों से आगे हैं।
  3. अर्जुन चौटाला (रानिया): आईएनएलडी के अर्जुन चौटाला लगातार बढ़त बनाए हुए हैं।
  4. विनेश फोगाट (जुलाना): कांग्रेस की विनेश फोगाट 2000 से अधिक वोटों से पीछे हैं। उनका मुकाबला बीजेपी के कैप्टन योगेश बैरागी से है।
  5. अनिल विज (अंबाला कैंट): बीजेपी के दिग्गज नेता अनिल विज निर्दलीय चित्रा सरवरा से पीछे चल रहे हैं।
  6. सावित्री जिंदल (हिसार): सावित्री जिंदल निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं और बढ़त बनाए हुए हैं।
  7. चिरंजीव राव (रेवाड़ी): कांग्रेस के चिरंजीव राव पीछे चल रहे हैं, जबकि बीजेपी के लक्ष्मण यादव 1908 वोटों से आगे हैं।
  8. भूपेंद्र सिंह हुड्डा (गढ़ी सांपला): कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा 5000 वोटों से आगे चल रहे हैं।

विनेश फोगाट भी रह गयी पीछे

कुश्ती के अखाड़े से राजनीति के मैदान में उतरीं विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) का जुलाना सीट से चुनावी सफर आसान नहीं रहा। जुलाना सीट पर वह 2000 से ज्यादा वोटों से पीछे चल रही थी। विनेश फोगाट की हार या जीत इसलिए भी मायने रखती है क्योंकि वह भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ किए गए आंदोलन की प्रमुख चेहरा रही हैं। जुलाना सीट पर विनेश फोगाट ने (Vinesh Phogat Win Julana) ने बीजेपी के उम्मीदवार योगेश बैरागी और आम आदमी पार्टी (AAP) प्रत्याशी कविता दलाल को हराकर परचम लहरा दिया है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे बीजेपी का सत्ता में वापसी करना राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के लिए एक सकारात्मक संदेश होगा, जबकि कांग्रेस के लिए यह चुनाव एक बड़े झटके के रूप में देखा जा सकता है।

Read more: Haryana Election 2024: नायब सैनी ने Congress की जीत के एग्जिट पोल के नतीजों को किया खारिज, कहा-‘सरकार हम ही बनाएंगे’

Share This Article
Exit mobile version