Haryana Assembly Elections 2024:चुनावी सरगर्मी के बीच कांग्रेस का सख्त रुख, 13 बागी नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से किया निष्कासित

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
हरियाणा कांग्रेस

Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियों के बीच कांग्रेस (Congress) ने अपने विरोधी रुख अपनाने वाले कई नेताओं और कार्यकर्ताओं पर सख्त कार्रवाई की है। पार्टी ने 13 बागी नेताओं को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। ये नेता पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे, जिसके चलते कांग्रेस ने यह कड़ा कदम उठाया है। प्रमुख नामों में जींद से प्रदीप गिल और कलायत से अनीता ढुल शामिल हैं।

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अनुशासनहीनता पर कड़ा प्रहार

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Haryana Pradesh Congress Committee)की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और अनुशासनहीनता दिखाने वाले नेताओं को निष्कासन की सजा दी गई है। पार्टी ने स्पष्ट किया कि जिन नेताओं को 6 साल के लिए निष्कासित किया गया है, वे सभी विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

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निष्कासित नेताओं की सूची में कौन शामिल?

निष्कासन का सामना करने वाले नेताओं में नरेश ढांडे, सज्जन सिंह ढुल, सुनीता बट्टन, राजीव मामुरम, दयाल सिंह सिरोही, विजय जैन, दिलबाग सांडिल, अजीत फोगाट, अभिजीत सिंह, सतबीर रातेरा, नीतू मान, और अनिता ढुल का नाम शामिल है। ये सभी नेता पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर चुके थे, जिससे पार्टी की चुनावी रणनीति पर बुरा असर पड़ रहा था।

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बगावत के पीछे टिकट कटने की नाराजगी

कांग्रेस में इस बार विधानसभा चुनाव के टिकट को लेकर पहले से ही खींचतान चल रही थी। 90 विधानसभा सीटों के लिए 2600 से अधिक नेताओं ने आवेदन किया था, जिनसे पार्टी ने प्रति आवेदन 20,000 रुपये वसूले थे। हालांकि, इतने आवेदनों के बाद भी टिकट ना मिलने से कई नेता नाराज हो गए और उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया। पार्टी ने इन नेताओं को मनाने की कोशिश भी की, लेकिन कुछ नेताओं ने बगावत का रास्ता अपनाया, जिसके चलते पार्टी को मजबूरन यह कार्रवाई करनी पड़ी। पुंडरी, कलायत और जींद जैसी सीटों पर बगावत के स्वर सबसे ज्यादा सुनाई दिए हैं।

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पहले भी हो चुकी है कार्रवाई

कांग्रेस इससे पहले भी अनुशासनहीनता के मामलों में सख्त रुख अपना चुकी है। पार्टी ने कुछ समय पहले चित्रा सरवारा, राजेश जून और शारदा राठौर को भी निष्कासित किया था। चित्रा ने अंबाला कैंट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था, जबकि उनके पिता को पार्टी ने टिकट दिया था। इसी तरह, राजेश जून ने बहादुरगढ़ से और शारदा राठौर ने बल्लभगढ़ से निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल किया था।

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कांग्रेस की रणनीति पर पड़ा असर

कांग्रेस की इस कार्रवाई से साफ है कि पार्टी ने अनुशासनहीनता और बगावत पर कोई ढील नहीं देने का फैसला किया है। हालांकि, बागी नेताओं की नाराजगी और उनका निर्दलीय चुनाव लड़ना कांग्रेस की चुनावी रणनीति पर असर डाल सकता है, क्योंकि ये बागी नेता कांग्रेस के आधिकारिक प्रत्याशियों के वोट काट सकते हैं। हरियाणा कांग्रेस की तरफ से यह कदम अनुशासन को बनाए रखने के लिए उठाया गया है। कांग्रेस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आगामी चुनाव में पार्टी को अनुशासनहीनता के मामलों पर काबू पाने की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। अब देखना यह है कि बागी नेताओं के निष्कासन के बाद कांग्रेस अपनी चुनावी रणनीति को किस प्रकार से धार देती है।

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