Hariyali Teej 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, हरियाली तीज (Hariyali Teej 2025) का पर्व हर साल सावन मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 27 जुलाई को मनाया जाएगा। यह तीज महिलाओं के लिए बेहद पावन और महत्वपूर्ण पर्व होता है। इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और भगवान शिव एवं माता पार्वती की विधिवत पूजा-अर्चना करती हैं।यह पर्व न केवल सौभाग्यवती स्त्रियों के लिए, बल्कि कुंवारी कन्याओं के लिए भी विशेष महत्व रखता है। हरियाली तीज पर किए गए कुछ साधारण उपाय आपके वैवाहिक जीवन को सुखमय बना सकते हैं, और विवाह में आ रही अड़चनों को भी दूर कर सकते हैं।
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क्यों किया जाता है 16 शृंगार?

हरियाली तीज के दिन 16 शृंगार का विशेष महत्व बताया गया है। यह 16 शृंगार नारी सौंदर्य और सौभाग्य का प्रतीक होते हैं। जिन महिलाओं ने व्रत रखा होता है, उन्हें पूर्ण विधि से 16 शृंगार करना चाहिए। इसमें चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर, मेहंदी, काजल, महावर आदि शामिल होते हैं।पूजन के दौरान, देवी पार्वती को भी 16 शृंगार की सामग्री अर्पित करनी चाहिए। इससे देवी पार्वती अत्यंत प्रसन्न होती हैं और महिलाओं को अखंड सौभाग्य तथा सुखमय वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद देती हैं।
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विवाह में बाधाएं हों तो करें ये उपाय

- यदि विवाह में किसी प्रकार की बाधा आ रही हो, तो हरियाली तीज पर कुछ विशेष उपाय और प्रार्थनाएं की जा सकती हैं:
- कुंवारी कन्याएं इस दिन व्रत रखकर मां पार्वती से अच्छे वर की प्रार्थना करें।
- नीम के पेड़ के नीचे झूला झूलते हुए शिव-पार्वती के नाम का कीर्तन करें।
- शिवलिंग पर गंगाजल, बेलपत्र और सफेद फूल अर्पित करें।
- संध्या समय घी का दीपक जलाकर माता पार्वती की आरती करें।
- इन उपायों को श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से विवाह संबंधित परेशानियों से मुक्ति मिल सकती है।
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यह दिन क्यों है इतना खास?
हरियाली तीज को पति की लंबी उम्र, सुख-शांति, प्रेम और समृद्धि के लिए मनाया जाता है। सावन की हरियाली के साथ यह त्योहार रिश्तों में मिठास घोलने का प्रतीक है। इस दिन महिलाएं गीत-संगीत, झूला, पारंपरिक व्यंजन और पूजा से वातावरण को आध्यात्मिक और उल्लासपूर्ण बना देती हैं।