सीएम योगी के संज्ञान में आया हलाल, हो सकता है बड़ा एक्शन…

Shankhdhar Shivi
By Shankhdhar Shivi

राजधानी लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में हलाल सर्टिफिकेशन मामले में कड़े नियम बनाने की तैयारी में है और इस मामले में एक FIR दर्ज की जाने की बात भी सामने आई है।

Utter Pradesh: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हलाल मामले में भारी भरकम धाराओं और आरोपों में FIR दर्ज की गई है। बता दे कि कुछ कंपनियों ने हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर धंधा चला रखा था। ऐसी कंपनियां डेयरी, कपड़ा, चीनी, नमकीन, मसाले, और साबुन इत्यादि जैसे उत्पादों को भी हलाल सर्टिफाइड करके बेच रही थीं। वही इस मामले में राजधानी लखनऊ में पहली एफआईआर दर्ज कर ली गई है, ये शिकायत शैलेन्द्र शर्मा नामक व्यक्ति ने हजरतगंज थाने में दर्ज कराई है। मामला सीएम योगी के संज्ञान में आने के बाद अब कड़े एक्शन के के कयास लगाये जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने दर्ज की एफआईआर…

हजरतगंज कोतवाली में हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्टर को लेकर संबंधित कंपनी पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। शैलेंद्र शर्मा की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। शिकायत अज्ञात कंपनियों के खिलाफ दर्ज कराई गई है। हलाल सर्टिफिकेशन देकर सामान बेचने वाली अज्ञात कंपनियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 b/ 153A/ 298/ 384 /420 /467/ 468 /471/ 505 केस दर्ज कराई गई है।

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हलाल सर्टिफिकेशन क्या होता है?

इस्लामी धर्म-शास्त्र में जिन चीजों को हराम बताया गया है, उसे करने की मनाही होती है, वहीं जिन बातों को हलाल बताया गया है, उन्हें करने की इजाजत होती है। इस्लामी मान्यताओं के अनुसार हलाल खाने-पीने की चीजों की निर्माण प्रक्रिया और जानवरों के वध पर लागू होता है। हलाल सर्टिफाइड का मतलब है कि किसी अमुक उत्पाद को इस्लामी मान्यताओं के अनुरूप तैयार किया गया है। कई कंपनियां अपने उत्पादों पर ‘हलाल सर्टिफाइड’ का स्टैम्प लगाती हैं।

सीएम योगी के संज्ञान में आया मामला, हो सकता है बड़ा एक्शन…

जानकारी के अनुसार एफआईआर में शैलेन्द्र शर्मा नामक व्यक्ति ने कहा कि ये बोगस कम्पनियां एक धर्म विशेष को प्रभावित करने, उन्हें लाभ पहुँचाने, कुछ लोगों की धार्मिक आस्था को चोट पहुँचाने और फंड का मिसयूज कर रही हैं जिनपर एक्शन जरूरी है, अब चूँकि ये मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में भी आ गया है तो माना जा रहा है कि यूपी सरकार हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर कड़े नियम बना सकती है और ऐसे उत्पादों की बिक्री को बैन भी किया जा सकता है।

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क्यों हलाल से दिक्कत…

दरअसल रेख्ता डिक्शनरी की मानें तो हलाल और हराम दोनों ही अरबी के वर्ड हैं. इस्लाम में हलाल का अर्थ होता है जो इस्लामी धर्म के मुताबिक उचित और अनुमोदित हो। यही नहीं शरीअत के अनुसार भी जिसका ग्रहण या भोग सही हो। इसके अलग हराम वर्ड से मतलब है जो, इस्लामी धर्म में वर्जित हो त्याग करने वाला हो, जो बुरा हो दूषित हो, अप्रिय हो भोग करने लायक ना हो। इसे अधर्म और पाप से जोड़कर भी देखा जाता है।

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