Guruwar Vrat: सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा अर्चना को समर्पित होता है वहीं गुरुवार का दिन विष्णु साधना के लिए उत्तम माना गया है इस दिन भक्त भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु की असीम कृपा बरसती है और कष्टों का निवारण भी हो जाता है।
ऐसे में अगर आप भी गुरुवार व्रत करना चाहते हैं तो हम आपको सरल विधि और जरूरी नियमों के बारे में बता रहे हैं, तो आइए जानते हैं।

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इन लोगों को रखना चाहिए व्रत
आपको बता दें कि गुरुवार का व्रत कोई भी रख सकता है चाहे वह पुरुष हो या महिला। गुरुवार व्रत को विवाह की इच्छा रखने वाले व्यक्ति भी कर सकते हैं इसके अलावा संतान सुख की प्राप्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है।
कितने व्रत करने चाहिए?
आपको बता दें कि गुरुवार का व्रत 16 रखना शुभ माना जाता है। 16 गुरुवार का व्रत रखने के बाद 17वें गुरुवार को व्रत का उद्यापन करना चाहिए। इसके अलावा आप अपनी इच्छा अनुसार 1, 3, 5,7 या फिर 9 सालों तक गुरुवार का उपवास कर सकते हैं।
गुरुवार व्रत कब से करें शुरू?
आपको बता दें कि गुरुवार का व्रत अनुराधा नक्षत्र और महीने के शुक्ल पक्ष की तिथि से आरंभ करना चाहिए। इन तिथियों पर गुरुवार व्रत का आरंभ करने से भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की असीम कृपा बरसती है। इस व्रत को भूलकर भी पौष माह में आरंभ न करें ऐसा करना अच्छा नहीं होता है।
गुरुवार व्रत के नियम
आपको बता दें कि गुरुवार व्रत करने वाले जातक को भूलकर भी नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा इस दिन केले का सेवन करने से बचना चाहिए। इस दिन भूलकर भी काले और नीले वस्त्रों को धारण नहीं करना चाहिए। इसके अलावा किसी का अपमान भी न करें। गुरुवार व्रत के दिन सिलाई करने से भी बचना चाहिए। गुरुवार के दिन पूजा पाठ से जुड़ा सामान भी नहीं खरीदना चाहिए। महिलाएं इस दिन बाल धोने से बचें। इसके अलावा नाखून भी नहीं काटना चाहिए।

गुरुवार व्रत पूजा की सरल विधि
गुरुवार का व्रत रखने वालों को सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करें इसके बाद पीले वस्त्रों को धारण करें। फिर भगवान विष्णु और बृहस्पति देव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प करें। भगवान विष्णु को इस दिन पीले वस्त्र, फूल, फल, मिठाई आदि चीजें चढ़ाएं। इसके बाद दीपक जलाएं और व्रत कथा का पाठ। इस दिन केले के पेड़ की पूजा करें। इसके बाद भगवान की विधिवत आरती करें और सभी में प्रसाद भी बांट दें।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है।प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।