Gupt Navratri 2025: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन गुप्त नवरात्रि को बेहद ही खास माना जाता है जो कि मां दुर्गा की दस महाविद्याओं की पूजा अर्चना को समर्पित है। इस शुभ मौके पर भक्त देवी की विधि विधान से पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से देवी की असीम कृपा बरसती है।
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गुप्त नवरात्रि को गुप्त साधना और तंत्र मंत्र के लिए बेहद ही खास माना गया है। गुप्त नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करने का विधान है मान्यता है कि विधिवत तरीके से कलश स्थापना की जाए तो पूजा सफल होती है, साथ ही माता की कृपा भी बरसती है। तो हम आपको गुप्त नवरात्रि पर कलश स्थापना की संपूर्ण विधि बता रहे हैं।
गुप्त नवरात्रि की तारीख

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि इस महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 26 जून से शुरू होकर 4 जुलाई तक रहेगी। इन नौ दिनों में रोजाना देवी के अलग अलग रूपों की पूजा की जाती हैं। वहीं 10 महाविद्याओं की आराधना भी नवरात्रि में करना उत्तम माना जाता है।
गुप्त नवरात्रि पर कलश स्थापना का मुहूर्त
26 जून दिन गुरुवार को गुप्त नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के दो शुभ मुहूर्त रहेंगे। इन दोनों में से किसी भी मुहूर्त में आप कलश स्थापना कर सकते हैं। गुप्त नवरात्रि पर सुबह 5: 25 से 6 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। सुबह 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा।
कलश स्थापना की विधि
गुप्त नवरात्रि के पहले दिन जहां कलश स्थापना करना चाहते हैं उसे अच्छी तरह साफ करें। इस स्थान पर लकड़ी का पटिया रखकर उस पर लाल वस्त्र बिछाएं। इसके बाद मिट्टी से बनी मटकी को इस तरह रखें कि ये हिले डुले नहीं। इस मटकी को शुद्ध जल भरें। अब मटकी में थोड़ा सा गंगाजल डालें।
साथ ही चावल, फूल, दूर्वा, कुमकुम, साबूत हल्दी और पूजा की सुपारी भी डाल दें। इसके बाद मटकी पर नारियल रखकर इसे ढंक दें। इस पर स्वस्तिक का निशान बनाएं और मुख पर पूजा का धागा बांधें। अब नारियल पर कुमकुम से तिलक करें। शुद्ध घी का दीपक जलाकर मटकी के पास रख दें। ये दीपक पूरे 9 दिनों तक लगातार जलते रहना चाहिए। इसके बाद देवी मां की आरती करें। साथ ही दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का जाप भी करें। इससे आपकी हर मनोकामना पूरी हो जाएगी।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।