Gujarat: भारत का पहला सेमीकंडक्टर हब बना गुजरात, नई नीति से खुलेंगे रोजगार और निवेश के रास्ते

गुजरात सरकार ने 'गुजरात सेमीकंडक्टर नीति 2022-2027' लागू की है, जो सेमीकंडक्टर उद्योग को मजबूत करने और राज्य को इस क्षेत्र का अग्रणी केंद्र बनाने के उद्देश्य से बनाई गई है।

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
गुजरात सेमीकंडक्टर

Gujarat Semiconductor Policy 2022-2027: गुजरात सेमीकंडक्टर उत्पादन और आत्मनिर्भरता में भारत का नेतृत्व करने वाला पहला राज्य बन गया है। गुजरात सरकार ने ‘गुजरात सेमीकंडक्टर नीति (Semiconductor Policy) 2022-2027’ लागू की है, जो सेमीकंडक्टर उद्योग को मजबूत करने और राज्य को इस क्षेत्र का अग्रणी केंद्र बनाने के उद्देश्य से बनाई गई है। इस ऐतिहासिक नीति को लागू करने और उसकी निरंतरता बनाए रखने के लिए राज्य सरकार ने ‘गुजरात राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स मिशन’ की स्थापना की है, जो राज्य में सेमीकंडक्टर उत्पादन के लिए उपयुक्त माहौल तैयार करने का कार्य करेगा।

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सेमीकंडक्टर कंपनियों के लिए आकर्षक अवसर

गुजरात सरकार की इस नीति का उद्देश्य सेमीकंडक्टर कंपनियों के लिए एक मजबूत और सहायक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना है। इस योजना के तहत राज्य के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का अनुमान है कि सेमीकंडक्टर निर्माण की दिशा में निवेश करने वाली चार प्रमुख कंपनियां लगभग 1.24 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को स्थापित करने वाली हैं। इन नई परियोजनाओं के चलते गुजरात में लगभग 53,000 लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

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निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र

गुजरात सेमीकंडक्टर नीति के तहत राज्य सरकार ने कई प्रोत्साहन प्रदान किए हैं। इसमें टैक्स में राहत, भूमि आवंटन में सुविधा, और अन्य सुविधाएं शामिल हैं, जो नई कंपनियों को इस क्षेत्र में आकर्षित करेंगी। इसके साथ ही राज्य सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में गुजरात को एक सेमीकंडक्टर निर्माण केंद्र के रूप में स्थापित किया जाए, जिससे भारत में इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का निर्माण हो सके।

केंद्र सरकार की रही अहम भूमिका

गुजरात के इस कदम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2021 में शुरू किए गए ‘भारत सेमीकंडक्टर मिशन’ के तहत भी समर्थन प्राप्त है। इस मिशन के लिए केंद्र सरकार ने 76,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जो सेमीकंडक्टर निर्माण और अनुसंधान के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे को तैयार करने में मदद करेगा। इसका उद्देश्य देश में सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना और इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने लायक बनाना है।

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सेमीकंडक्टर बाजार में बड़ी छलांग की उम्मीद

भारत का सेमीकंडक्टर बाजार, जो 2020 में 15 अरब डॉलर था, 2026 तक 63 अरब डॉलर से अधिक तक पहुंचने का अनुमान है। गुजरात की नई नीति और केंद्र सरकार के भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत उठाए गए कदम इस तेजी से बढ़ते सेमीकंडक्टर बाजार में भारत की हिस्सेदारी को बढ़ाने में मददगार होंगे। गुजरात का यह पहल भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि देश में सेमीकंडक्टर की मांग लगातार बढ़ रही है। सेमीकंडक्टर चिप्स का उपयोग मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, ऑटोमोटिव, और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में बढ़ता जा रहा है। ऐसे में सेमीकंडक्टर के उत्पादन में आत्मनिर्भरता भारत की अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी साबित होगी। गुजरात की नई नीति न केवल राज्य में बल्कि पूरे देश में इस उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक होगी।

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