गुजरात के मेहसाणा जिले के कादी तालुका के जासलपुर गांव में एक निर्माणाधीन फैक्ट्री में बड़ा हादसा हो गया। यहां मिट्टी धंसने और दीवार गिरने से सात मजदूरों की मौत हो गई। यह हादसा तब हुआ जब मजदूर भूमिगत टैंक के लिए खुदाई कर रहे थे। अचानक मिट्टी धंस गई और मजदूर उसमें दब गए। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। इस हादसे पर दुख जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुआवजे की घोषणा की है उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट डाला और लिखा,

“गुजरात के मेहसाणा में दीवार गिरने से हुई दुर्घटना अत्यंत दुखद है इसमें जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी शोक-संवेदनाएं ईश्वर उन्हें इस पीड़ा को सहन करने का संबल प्रदान करे इसके साथ ही मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव सहायता में जुटा है पीएम मोदी ने मुआवजे की घोषणा की पीएमओ की ओर से बताया गया, दुर्घटना में प्रत्येक मृतक के निकटतम परिजन को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी जबकि घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगेl”

गड्ढा खोद रहे मजदूर
कडी थाने के निरीक्षक प्रह्लाद सिंह वाघेला ने बताया कि जसलपुर गांव में एक फैक्टरी के लिए भूमिगत टैंक बनाने के वास्ते कई मजदूर गड्ढा खोद रहे थे, तभी मिट्टी धंस गई और वे जिंदा दब गएl
9 से 10 लोगों को बचाया गया अभी तक
मेहसाणा के जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) डॉ. हसरत जैस्मीन कहते हैं, यह एक निजी कंपनी है जो निर्माणाधीन थी. घटना दोपहर करीब 1.45 बजे हुई हमारी जानकारी के अनुसार, 9-10 लोग फंसे हुए थे, जिनमें से 6 के शव बरामद कर लिए गए हैं. एक 19 वर्षीय लड़के को जिंदा बचा लिया गया है और उसके बयान के अनुसार, 8-9 लोग यहां काम कर रहे थे। 2-3 लोग अभी भी फंसे हुए हैं हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि हम उन्हें जिंदा बचा लेंl

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मलबे से निकाले गए सात शव
स्थानीय प्रशासन और पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर तुरंत बचाव अभियान शुरू किया। अब तक मलबे से सात मजदूरों के शव बरामद किए जा चुके हैं। हादसे की गंभीरता को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। घटनास्थल पर मजदूरों के परिजन भी पहुंच गए हैं, जिनका रो-रो कर बुरा हाल है। इस दर्दनाक हादसे ने स्थानीय प्रशासन में भी हड़कंप मचा दिया है।
मलबे में फंसे मजदूरों को निकालने का प्रयास जारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह हादसा उस वक्त हुआ जब मजदूर जासलपुर गांव के समीप एक स्टील कंपनी के लिए टैंक का निर्माण कर रहे थे। मिट्टी धंसने के कुछ ही समय बाद, फैक्ट्री की दीवार भी गिर गई, जिससे हालात और गंभीर हो गए। हादसे में सात मजदूरों की जान चली गई, जबकि अन्य मजदूरों के भी मलबे में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। घटनास्थल पर पांच एंबुलेंस तैनात की गई हैं और जेसीबी मशीनों की मदद से मलबा हटाने का काम तेजी से जारी है।

दीवार गिरने के बाद स्थिति और बिगड़ी
हादसे के वक्त मजदूर फैक्ट्री में टैंक बनाने के लिए गड्ढा खोद रहे थे। पहले मिट्टी धंसने से मजदूर दब गए, फिर उसके बाद दीवार भी अचानक भरभरा कर गिर गई। मिट्टी और दीवार के मलबे के नीचे कई मजदूर फंस गए, जिनमें से कुछ को बचाने के प्रयास अभी भी जारी हैं। जेसीबी की मदद से मिट्टी हटाई जा रही है और मलबे में दबे मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है।
स्थानीय प्रशासन ने दी जानकारी
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए। स्थानीय प्रशासन ने बताया कि हादसे की वजहों की जांच की जा रही है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। फिलहाल, राहत एवं बचाव कार्य तेजी से चल रहा है और मलबे में फंसे अन्य मजदूरों को बचाने की हर संभव कोशिश की जा रही है।

फैक्ट्री प्रबंधन पर उठे सवाल
हादसे की खबर मिलते ही वहां काम कर रहे मजदूरों के परिजन भी घटनास्थल पर पहुंच गए। अपनों को खोने का गम झेल रहे परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। इस हादसे के बाद फैक्ट्री प्रबंधन की लापरवाही पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस ने फैक्ट्री मालिक और ठेकेदारों से पूछताछ शुरू कर दी है और जांच रिपोर्ट आने के बाद हादसे की असल वजह का खुलासा होने की उम्मीद है। मजदूरों की जान को सुरक्षित रखने के लिए उचित सुरक्षा उपाय न होने के कारण बार-बार ऐसी घटनाएं होती हैं। स्थानीय लोग और मजदूर संगठनों ने हादसों से बचने के लिए सख्त कानूनों की मांग की है।