Sexual abuse of minor girls in Britain: ब्रिटेन में पाकिस्तानी मूल के ग्रूमिंग गैंग्स द्वारा सैकड़ों नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण किए जाने के मामलों ने एक नई बहस को जन्म दिया है। इन गैंग्स ने लम्बे समय तक नाबालिग लड़कियों को अपने जाल में फंसाया और उनका शारीरिक, मानसिक शोषण किया। हाल ही में, ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी ने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर जांच की मांग की, लेकिन प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की सरकार ने इस पर कार्रवाई करने से मना कर दिया। इससे यह सवाल उठता है कि क्या सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है या फिर इसे नजरअंदाज किया जा रहा है।
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ग्रूमिंग गैंग्स के शिकार बच्चे और उनका शोषण
ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग्स के कारण नाबालिगों का यौन शोषण एक बड़ी समस्या बन चुकी है। 2004 से 2013 तक इन गिरोहों ने हजारों लड़कियों को अपना शिकार बनाया। आरोपियों में मुख्य रूप से पाकिस्तानी मूल के पुरुष शामिल थे, जो इन लड़कियों को पहले नशीली दवाओं का सेवन कराते थे और फिर उनका यौन शोषण करते थे। इस दौरान, बच्चों को धमकाने के लिए बंदूक का भी इस्तेमाल किया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस समय करीब 1400 नाबालिग लड़कियों का शोषण किया गया। इनमें से कुछ लड़कियां तो महज 11 साल की थीं। इन अपराधियों द्वारा लड़कियों को रेप करने के बाद टेकअवे दुकानों या टैक्सी के माध्यम से अन्य स्थानों पर भेजा जाता था।
इसके अलावा, यह गिरोह इन पीड़ितों को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करता था। यह कांड ब्रिटेन के इतिहास में सबसे जघन्य अपराधों में से एक माना जाता है, जिसमें अधिकांश पीड़ित श्वेत जाति से थीं और आरोपी पाकिस्तानी मूल के थे।
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प्रधानमंत्री कीर स्टारमर का बयान और विवाद
इस मुद्दे परप्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने हाल ही में “एशियाई” शब्द का उपयोग किया, जिससे विवाद खड़ा हो गया। उन्होंने कहा कि “एशियाई ग्रूमिंग गैंग्स” के खिलाफ पहली बार मुकदमा दायर किया गया था। इस पर, एशियाई समुदाय ने आपत्ति जताई, क्योंकि ये अपराध पाकिस्तानी मूल के व्यक्तियों से जुड़ी घटनाएं थीं। भारतीय प्रवासी समुदाय ने भी इस शब्द के इस्तेमाल पर नाराजगी जताई, क्योंकि इस शब्द से यह संदेश जाता है कि पूरे एशियाई समुदाय को अपराध से जोड़ा जा रहा है, जो कि गलत है।
शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्विटर पर लिखा कि ये “एशियाई” नहीं, बल्कि “पाकिस्तानी” ग्रूमिंग गैंग्स हैं। इस ट्वीट पर अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क ने भी उनका समर्थन करते हुए “ट्रू” लिखा, जिससे विवाद और बढ़ गया।
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कंजर्वेटिव पार्टी की जांच की मांग
कंजर्वेटिव पार्टी ने इस गंभीर मुद्दे की राष्ट्रीय जांच कराने की मांग की, लेकिन प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की सरकार ने इसे खारिज कर दिया। कंजर्वेटिव पार्टी के नेता केमी बेडेनॉच ने कहा कि सरकार का इनकार “कवर-अप” की ओर इशारा करता है, और इससे इन अपराधों की सही जांच में देरी हो सकती है। प्रधानमंत्री ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पीड़ितों की मदद के लिए कार्रवाई करना ज्यादा जरूरी है और अगर इस संशोधन को पारित किया जाता है तो न्याय में और देरी हो सकती है।