आजकल के अपराध इतनी तेजी से बढ़ रहे है जिसके कारण लोगो कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।इसी को देखते हुए हाल ही में सरकार ने Mobile Fraud और Spam Calls को रोकने करने के लिए ये कड़े कदम उठाए हैं। इसके तहत सरकार ने एक Backlist तैयार होगी, जिसमें उन यूजर्स के नाम शामिल होंगे जिन्होंने दूसरों के नाम पर सिम कार्ड जारी कराए और उनका गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे है। इस Backlist में दर्ज हुए यूजर्स के नाम पर भविष्य में कोई नया सिम कार्ड जारी नहीं किया जाएगा, और पहले से जारी SIM card भी ब्लॉक कर दिए जाएंगे।
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eKYC वेरिफिकेशन हुआ आसान

बता दे, हाल ही में सरकार ने इसके अलावा, सरकार ने eKYC वेरिफिकेशन को भी अनिवार्य बना दिया है। इसका मतलब है कि अब बिना eKYC के किसी को भी नया सिम कार्ड नहीं मिल सकेगा। इस कदम से सरकार का उद्देश्य साइबर धोखाधड़ी और सिम कार्ड के दुरुपयोग को रोकना है, खासकर उन लोगों को निशाना बनाना है जो गलत तरीके से दूसरों के नाम पर सिम कार्ड जारी कराते थे और उनका इस्तेमाल अपराधों के लिए करते थे।
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Backlist पर होंगे यूजर्स

साइबर अपराधों पर काबू पाने के लिए सरकार ने एक ब्लैकलिस्ट तैयार की है, जिसमें वे लोग शामिल होंगे जिन्होंने दूसरों के नाम पर सिम कार्ड जारी कराए और उनका दुरुपयोग किया। इसके तहत, सरकार ने दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा फर्जी कॉल्स और एसएमएस करने वाले लाखों मोबाइल नंबरों को भी बंद कर दिया है। इस ब्लैकलिस्ट में शामिल यूजर्स के सिम कार्ड सबसे पहले ब्लॉक कर दिए जाएंगे, और उनके नाम पर अगले 3 से 6 साल तक नया सिम कार्ड जारी नहीं किया जाएगा।
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कार्रवाई के पहले नोटिस

हालांकि, सरकार ऐसे लोगों को कार्रवाई से पहले एक नोटिस भेजेगी, जिसका जवाब 7 दिनों के भीतर देना होगा। लेकिन अगर मामला जनहित से जुड़ा होगा, तो कार्रवाई बिना नोटिस के भी की जा सकती है। सरकार का मानना है कि यह कदम साइबर सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए जरूरी है, और इसमें किसी तरह की ढील नहीं दी जाएगी।