Gorakhpur News: गोरखपुर जिले में एक 17 वर्षीय किशोर द्वारा चाइल्ड पोर्नोग्राफी (Child pornography) के चार हजार से अधिक वीडियो सप्लाई करने के मामले ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है। इस चौंकाने वाले मामले में लखनऊ (Lucknow) के दो शातिर लोगों का भी नाम सामने आया है, जिनकी भूमिका की जांच साइबर पुलिस कर रही है। किशोर के खुलासे ने इस अपराध के अंतरराष्ट्रीय पहलू को भी उजागर किया है, जिससे पुलिस अब विदेशों तक की कड़ियां जोड़ने में जुटी है।
किशोर के बयान से लखनऊ के आरोपियों पर शिकंजा
साइबर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए किशोर से पूछताछ में लखनऊ के दो संदिग्धों का नाम सामने आया है, जो कमीशन पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी के वीडियो बेचते थे। फिलहाल किशोर को बाल सुधार गृह में रखा गया है, लेकिन उसकी गवाही के आधार पर लखनऊ पुलिस भी सक्रिय हो गई है और इन दोनों आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की तैयारी में है।
कहां होती थी वीडियो की शूटिंग?
गोरखपुर में मामले का खुलासा होने के बाद साइबर पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वीडियो की शूटिंग कहां की जा रही थी और इसमें शामिल विदेशी महिलाओं का नेटवर्क क्या है। पुलिस को आशंका है कि विदेशों से इस नेटवर्क का संचालन हो रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफार्मों जैसे टेलीग्राम और डार्क वेब चैनलों के जरिए वीडियो बेचे जा रहे थे, और अब साइबर पुलिस इन चैनलों के आईपी एड्रेस के माध्यम से वीडियो क्रिएटर तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
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लखनऊ पुलिस की सक्रियता
गिरफ्तार किशोर ने चार अन्य लोगों के नाम भी बताए हैं, जो कमीशन पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी के वीडियो बेचने में शामिल थे। इनमें से दो आरोपी लखनऊ के हैं, जिनकी जांच लखनऊ साइबर पुलिस कर रही है। उल्लेखनीय है कि लखनऊ पुलिस ने ही इस मामले की शुरुआती जांच की थी और फिर महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन को इसकी जानकारी दी गई थी, जिसके बाद गोरखपुर पुलिस ने केस दर्ज कर किशोर को गिरफ्तार किया।
क्यूआर कोड और बैंक अकाउंट का हुआ खुलासा
साइबर पुलिस के हाथ एक क्यूआर कोड लगा है, जिसका उपयोग चाइल्ड पोर्नोग्राफी के वीडियो बेचने के एवज में भुगतान प्राप्त करने के लिए किया जाता था। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह क्यूआर कोड किस बैंक से जुड़ा है। इसके लिए संबंधित बैंक से संपर्क कर पत्राचार की तैयारी की जा रही है। किशोर ने पुलिस को बताया कि वीडियो बेचने के लिए ऑनलाइन भुगतान लिया जाता था और इसके लिए यूपीआई आईडी और भीम ऐप जैसी सेवाओं का इस्तेमाल किया जाता था।
टेलीग्राम के जरिए वीडियो की बिक्री
गिरफ्तार किशोर ने बताया कि उसे टेलीग्राम पर राज नाम का एक युवक वीडियो उपलब्ध कराता था, जिसे वह कमीशन पर सोशल मीडिया पर बेचता था। वीडियो बेचने से पहले स्क्रीनशॉट भेजकर ग्राहकों को दिखाया जाता था, और पसंद आने पर भुगतान लिया जाता था। इसके बाद वीडियो ग्राहकों को भेजे जाते थे।
11वीं के छात्र ने बेच डाले चार हजार से ज्यादा वीडियो
गोरखपुर जिले की चौरीचौरा तहसील के फुटहवा इनार क्षेत्र में रहने वाला 11वीं कक्षा का एक छात्र चाइल्ड पोर्नोग्राफी के धंधे में शामिल पाया गया। इस किशोर ने पूरे देश में लगभग चार हजार वीडियो बेच डाले। लखनऊ से मिली एक गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की और किशोर को गिरफ्तार किया। किशोर ने बताया कि वह टेलीग्राम पर दोस्त बने राज नामक युवक से वीडियो प्राप्त करता था और उन्हें 30 प्रतिशत कमीशन पर सोशल मीडिया ग्रुपों पर बेचता था।
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साइबर पुलिस की त्वरित कार्रवाई
साइबर पुलिस ने किशोर के मोबाइल फोन को जब्त कर लिया है और उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया है। इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है और पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने में जुटी है। यह मामला सिर्फ गोरखपुर तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें लखनऊ से लेकर विदेशों तक का नेटवर्क जुड़ा हुआ है। पुलिस की जांच अब टेलीग्राम और डार्क वेब के माध्यम से वीडियो बेचने वाले इस अंतरराष्ट्रीय गिरोह की जड़ तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। इस केस से न सिर्फ देश के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी के रैकेट के नए आयाम सामने आए हैं।