Gensol Engineering Share: बुधवार को जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड (Gensol Engineering Ltd.) के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई, जब मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने कंपनी और उसके प्रमोटरों पर प्रतिबंध लगा दिया। इस खबर के बाद कंपनी के शेयर लोअर सर्किट पर पहुंच गए। बीएसई पर शेयर 4.99% गिरकर 123.65 रुपये और एनएसई पर 5% गिरकर 122.68 रुपये पर बंद हुआ।
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सेबी का प्रतिबंध: बाजार और प्रबंधन से बाहर
मिली जानकारी के अनुसार, सेबी ने अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को प्रतिभूति बाजार से अगले आदेश तक प्रतिबंधित कर दिया है। इसके साथ ही, दोनों को कंपनी के किसी भी निदेशक या मुख्य प्रबंधकीय पद से भी दूर रहने का आदेश दिया गया है। यह कार्रवाई कथित फंड डायवर्जन और गवर्नेंस की गंभीर खामियों के चलते की गई है।
स्टॉक स्प्लिट पर भी लगी रोक
सेबी ने न केवल प्रमोटरों को बाहर किया, बल्कि कंपनी द्वारा घोषित स्टॉक विभाजन (Stock Split) को भी रोकने का निर्देश दिया है। यह कदम इस संदिग्ध गतिविधियों की जांच के दौरान उठाया गया, ताकि निवेशकों के हितों की रक्षा की जा सके।
शिकायत के बाद शुरू हुई जांच
जून 2024 में सेबी को कंपनी के शेयर मूल्य में हेरफेर और फंड डायवर्जन की शिकायत प्राप्त हुई थी। इसके बाद नियामक ने मामले की विस्तृत जांच शुरू की। जांच के आधार पर मंगलवार को सेबी ने 29 पन्नों का अंतरिम आदेश जारी किया, जिसमें शुरुआती निष्कर्षों को सार्वजनिक किया गया।
धोखाधड़ी और गुमराह करने का आरोप
सेबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कंपनी के प्रमोटर निदेशकों ने धोखाधड़ीपूर्ण तरीके से धन का गलत इस्तेमाल किया और उसका डायवर्जन किया। इतना ही नहीं, सेबी ने यह भी आरोप लगाया कि अनमोल और पुनीत सिंह जग्गी स्वयं इस डायवर्जन के प्रत्यक्ष लाभार्थी हैं।
जाली दस्तावेजों से गुमराह करने की कोशिश
सेबी के अनुसार, जेनसोल इंजीनियरिंग ने कथित तौर पर ऋणदाताओं द्वारा जारी किए गए जाली आचरण पत्र (forged conduct letters) का उपयोग करके सेबी, क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों (CRA), निवेशकों और अन्य संबंधित पक्षों को गुमराह करने की कोशिश की। इससे न सिर्फ वित्तीय पारदर्शिता पर सवाल खड़े हुए, बल्कि निवेशकों के विश्वास को भी नुकसान पहुंचा।
बाजार में विश्वास की परीक्षा
सेबी की इस सख्त कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि बाजार नियामक किसी भी गवर्नेंस लैप्स या धोखाधड़ी को बर्दाश्त नहीं करेगा। जेनसोल इंजीनियरिंग और इसके प्रमोटरों के खिलाफ उठाए गए कदम आने वाले समय में अन्य कंपनियों के लिए भी चेतावनी साबित हो सकते हैं। वहीं निवेशकों के बीच कंपनी को लेकर चिंता और अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है।
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