Generation BETA: नया साल 2025 एक नई जेनरेशन के जन्म का संकेत लेकर आया है। अब तक हम जेनरेशन Z और जेनरेशन Alpha के बारे में सुनते आ रहे थे, लेकिन अब एक और नई पीढ़ी का आगमन हुआ है, जिसका नाम है ‘Generation Beta’। इस जेनरेशन के बच्चों का जन्म 1 जनवरी 2025 से शुरू हो चुका है और इन्हें ‘बीटा किड्स’ कहा जाएगा। तो आइए जानते हैं इस नई पीढ़ी के बारे में और जानें कि क्यों इन्हें ‘AI जेनरेशन’ कहा जा रहा है।
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जेनरेशन बीटा का जन्म और तकनीकी बदलाव

जेनरेशन बीटा, यानी 2025 से लेकर 2039 तक जन्मे बच्चे, ऐसी दुनिया में बड़े होंगे जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और स्मार्ट तकनीक जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुकी होगी। ये बच्चे ऐसे डिजिटल वातावरण में पले-बढ़ेंगे जहां स्मार्टफोन, इंटरनेट और सोशल मीडिया के साथ उनका घनिष्ठ संबंध होगा। उनके लिए तकनीकी बदलाव एक सामान्य बात होगी और यह उनके जीवन का हिस्सा बन जाएगा।
पिछली पीढ़ियों का इतिहास
किसी भी जेनरेशन का नाम उस समय की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक घटनाओं के आधार पर रखा जाता है। इससे पहले की पीढ़ियों का भी अपना अलग इतिहास रहा है:
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द ग्रेटेस्ट जेनरेशन (1901-1927)
इस पीढ़ी ने ग्रेट डिप्रेशन और World War 2 जैसे संकटों का सामना किया था। इस दौरान पैदा हुए लोग मेहनती थे और युद्ध में अपनी भूमिका निभाई।
साइलेंट जेनरेशन (1928-1945)

यह पीढ़ी ग्रेट डिप्रेशन और युद्ध के प्रभावों के कारण चुपचाप अपना काम करती थी। इस समय के लोग आत्मनिर्भर और कठोर परिश्रमी थे।
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बेबी बूमर्स (1946-1964)
इस पीढ़ी का नाम विश्व युद्ध के बाद हुए जनसंख्या वृद्धि से पड़ा था। इन लोगों ने आधुनिकता को अपनाया और अपने बच्चों को नई तकनीकी सुविधाओं से परिचित कराया।
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जेनरेशन X (1965-1980)
इस पीढ़ी ने इंटरनेट और वीडियो गेम जैसे नए बदलावों को देखा और स्वीकार किया। वे तेजी से बदलते समाज में बड़े हुए थे।
मिलेनियल्स (1981-1996)
इस जेनरेशन के लोग सबसे अधिक बदलावों से गुजरे और इनकी जिंदगी टेक्नोलॉजी से जुड़ी रही। स्मार्टफोन और इंटरनेट ने इनकी दुनिया को बदल दिया।
जेनरेशन Z (1997-2009)
यह पीढ़ी डिजिटली पली-बढ़ी है, जहां सोशल मीडिया, स्मार्टफोन और इंटरनेट से उनका संबंध शुरुआती दिनों से ही था। इन बच्चों को डिजिटल दुनिया में पैसे कमाने के तरीके अच्छे से समझ में आते हैं।
जेनरेशन अल्फा (2010-2024)

यह पहली पीढ़ी है, जो सोशल मीडिया और इंटरनेट के बिना नहीं रह सकती। उनके माता-पिता पहले से ही डिजिटल दुनिया के हिस्से थे, और इसलिए वे भी तकनीकी रूप से उन्नत हैं।
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जेनरेशन बीटा: एआई की दुनिया
1 जनवरी 2025 से जन्मे बच्चों को जेनरेशन बीटा का हिस्सा माना जाएगा। इन बच्चों का जीवन पूरी तरह से तकनीकी और डिजिटल रूप से जुड़ा होगा, और उन्हें एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के साथ अपनी जिंदगी जीने की आदत होगी। जेनरेशन बीटा के बच्चों के लिए नई तकनीक और स्मार्ट डिवाइस उनका दूसरा स्वभाव बन जाएंगी। इन बच्चों की मानसिकता और जीवनशैली पर एआई का गहरा असर होगा, जो उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, और जीवन की अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों में भूमिका निभाएगा।