अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) के अवसर पर अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने महिलाओं के प्रति अपनी श्रद्धा और आभार व्यक्त करते हुए एक प्रेरक और भावुक पोस्ट साझा की। इस पोस्ट में उन्होंने अपनी जीवन यात्रा से जुड़ी एक महत्वपूर्ण और व्यक्तिगत कहानी को साझा किया, जो उनके दिल में एक विशेष स्थान रखती है। उन्होंने बताया कि उनका एंटरप्रेन्योर बनने का सफर हीरे के व्यापार से शुरू हुआ था, और उस समय से ही महिलाओं की भूमिका उनके जीवन में एक गहरी प्रेरणा का स्रोत रही है।

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अडाणी ने कहा… महिलाओं को सलाम है
गौतम अडाणी ने कहा कि वे उन महिलाओं को सलाम करते हैं जिन्होंने उन्हें अपने बचपन से लेकर उद्यमिता के क्षेत्र में प्रेरित किया। विशेष रूप से उन्होंने उन महिलाओं का उल्लेख किया जिन्होंने उन्हें बनासकांठा में उनके प्रारंभिक जीवन में प्रोत्साहित किया और उनके व्यवसायी जीवन की दिशा को आकार देने में मदद की। इस संदर्भ में उन्होंने अपने जीवन की एक गहरी और प्रभावशाली घटना को साझा किया।
पोतियों के लिए लिखी भावुक पोस्ट
आगे उन्होंने कहा कि करीब एक दशक पहले जब उन्होंने अपनी पहली पोती की नाजुक उंगलियों को सहलाया था, तो उन्होंने एक मौन प्रतिज्ञा ली थी। यह प्रतिज्ञा थी, एक ऐसी दुनिया बनाने में मदद करना जहां उसकी आकांक्षाओं की कोई सीमा न हो, जहां उसकी आवाज़ को सम्मान मिले, और जहां उसकी कीमत सिर्फ उसके चरित्र और योगदान से मापी जाए। गौतम अडाणी ने इस अनुभव को एक जीवन का आदर्श माना, और यह कहा कि अब, जब उनके पास तीन खूबसूरत पोतियाँ हैं, तब यह वादा पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।

महिला दिवस एक तारीख नहीं एक रिमाइंडर है
उन्होंने लिखा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सिर्फ कैलेंडर पर एक तारीख़ नहीं है, बल्कि यह एक reminder है कि अब तक हम जो प्रगति कर चुके हैं, और जो यात्रा अभी बाकी है। उनके लिए यह दिन बेहद व्यक्तिगत है, क्योंकि उन्होंने अपनी माँ से प्रेरणा ली थी, और एक पति के रूप में अपनी पत्नी प्रीति के अडानी फाउंडेशन के प्रति अटूट समर्पण को देखा। इसके साथ ही, एक दादा के रूप में, वे उन लड़कियों के लिए बिना किसी सीमा के दुनिया का सपना देखते हैं, जो उन्हें “दादू” कहकर प्यार से पुकारती हैं।