Gautam Adani Case: अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित ब्रुकलिन की फेडरल कोर्ट में अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और अन्य प्रमुख अधिकारियों के खिलाफ पांच गंभीर आरोपों की आपराधिक चार्जशीट दाखिल की गई है। इन पर आरोप है कि उन्होंने झूठे और भ्रामक दावों के जरिए अमेरिकी निवेशकों और वैश्विक वित्तीय संस्थानों से अरबों डॉलर जुटाने की साजिश रची। चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि अडानी और उनके साथियों ने प्रतिभूति और वायर फ्रॉड के जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धोखाधड़ी की। इस मामले में गौतम अडानी, सागर अडानी, रंजीत गुप्ता, रूपेश अग्रवाल, सिरिल कैबनेस, सौरभ अग्रवाल और दीपक मल्होत्रा के नाम शामिल हैं।
Read more: Adani Group: गौतम अडानी को एक और बड़ा झटका, केन्या सरकार ने रद्द किये सारे प्रोजेक्ट्स
कौन-कौन हैं आरोपियों की सूची में?
- गौतम अडानी
अडानी ग्रुप के संस्थापक और चेयरमैन, जिनकी कंपनियां ऊर्जा, बंदरगाह, खनन, रक्षा और हवाई अड्डों सहित कई क्षेत्रों में सक्रिय हैं। गौतम अडानी पहले भी विवादों में रह चुके हैं, लेकिन यह मामला उनके लिए अब तक का सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है। अमेरिका में अडानी ग्रुप के चेयरमैन और उद्योगपति गौतम अडानी समेत 8 व्यक्तियों पर अरबों रुपये की धोखाधड़ी और घूस देने के आरोप लगाए गए हैं। अमेरिकी अभियोजकों के अनुसार, अडानी समूह ने अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से यह जानकारी छिपाई कि उन्होंने सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए अरबों डॉलर जुटाए थे।
- सागर अडानी
गौतम अडानी के भतीजे और अडानी ग्रीन एनर्जी के कार्यकारी निदेशक हैं। वह 2015 में समूह में शामिल हुए और कंपनी के कई प्रमुख प्रोजेक्ट्स की निगरानी कर रहे हैं। सागर अदाणी, गौतम अदाणी के भाई राजेश अदाणी के बेटे हैं और अदाणी समूह के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। सागर अदाणी ग्रीन एनर्जी में कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, जहां उनके पिता भी निदेशक पद पर हैं। उन्होंने 2015 में अदाणी समूह में शामिल होने से पहले अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में डिग्री प्राप्त की थी।

सागर को अदाणी ग्रीन एनर्जी के सोलर और विंड एनर्जी पोर्टफोलियो को बढ़ाने का श्रेय जाता है। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, सागर अदाणी समूह के रणनीतिक, वित्तीय और संरचनात्मक विकास की देखरेख करते हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, सागर गौतम अदाणी के कारोबार के चार संभावित उत्तराधिकारियों में से एक हैं, जिनमें सागर के अलावा उनके बेटे करण और जीत अदाणी तथा उनके चचेरे भाई प्रणव अदाणी भी शामिल हैं। इन दो प्रमुख नामों के अलावा अन्य भी नाम शामिल है।
- विनीत जैन
अडानी ग्रीन एनर्जी के सीईओ और प्रबंध निदेशक हैं। 15 वर्षों से अडानी समूह का हिस्सा रहे जैन पर एनर्जी और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट्स में अनियमितताओं का आरोप है।
- रंजीत गुप्ता
2019 से 2022 तक एज़्योर पावर के सीईओ रहे। रंजीत गुप्ता पर अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में फंड मैनेजमेंट के दौरान गड़बड़ियों के आरोप लगे हैं।
- रूपेश अग्रवाल
अगस्त 2022 से जुलाई 2023 तक एज़्योर पावर के सीईओ रहे। उन्होंने कई सरकारी और निजी संस्थानों में टॉप पदों पर काम किया है।
- सिरिल कैबनेस
एज़्योर पावर के निदेशक मंडल के सदस्य रह चुके सिरिल कैबनेस पर धोखाधड़ी और साजिश रचने के आरोप हैं। कनाडाई पेंशन फंड अडानी की सहायक कंपनी में निवेशक था।
- सौरभ अग्रवाल
सीपीडीक्यू इंडिया के पूर्व प्रबंध निदेशक और मॉर्गन स्टेनली के वरिष्ठ अधिकारी रह चुके सौरभ अग्रवाल पर निवेश के दौरान अनियमितताओं के आरोप हैं।
- दीपक मल्होत्रा
कनाडाई पेंशन फंड सीपीडीक्यू के पूर्व प्रबंध निदेशक दीपक मल्होत्रा पर फंड मैनेजमेंट में धोखाधड़ी के आरोप हैं।
अमेरिकी निवेशकों के साथ धोखाधड़ी का मामला
कोर्ट में दायर दस्तावेजों के अनुसार, अडानी ग्रुप और उनके अधिकारियों ने अमेरिकी निवेशकों से झूठे वादे कर अरबों डॉलर जुटाने का प्रयास किया। आरोप है कि यह पैसा ऊर्जा, बंदरगाह और अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश के नाम पर लिया गया, लेकिन इसका इस्तेमाल व्यक्तिगत फायदे और अन्य संदिग्ध गतिविधियों में किया गया।
गौतम अडानी के लिए भारी पड़ सकता है ये नया संकट

गौतम अडानी के नेतृत्व में अडानी ग्रुप पहले ही हिंडनबर्ग रिपोर्ट और विभिन्न वित्तीय आरोपों के चलते विवादों में घिरा हुआ है। अब अमेरिकी अदालत में दाखिल यह मामला अडानी के वैश्विक व्यापार प्रतिष्ठा पर गंभीर सवाल खड़े करता है। अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि वे कानून के तहत अपना बचाव करेंगे। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला अडानी ग्रुप के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुश्किलें खड़ी कर सकता है। खासतौर पर अमेरिकी और वैश्विक निवेशकों का भरोसा डगमगा सकता है। गौतम अडानी और उनके समूह पर लगे ये आरोप न केवल उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा, बल्कि पूरे समूह के भविष्य पर असर डाल सकते हैं।
क्या अडानी गिरफ्तार हो सकते है?
यदि अडानी भारत में हैं, तो अमेरिकी अभियोजकों को दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत सरकार से उन्हें प्रत्यर्पित करने का अनुरोध करना होगा। इस प्रत्यर्पण प्रक्रिया का नियमन भारत में अदालत द्वारा किया जाएगा। इस दौरान कई पहलुओं पर विचार किया जाएगा, जैसे कि क्या अमेरिका में अडानी समूह पर लगाए गए आरोप भारत में भी अपराध माने जाते हैं, क्या ये आरोप राजनीतिक कारणों से हैं, और क्या उन्हें अमेरिका में अमानवीय व्यवहार का सामना हो सकता है।