Gautam Adani: गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने एक बार फिर शेयर बाजार में अपनी ताकत दिखाई है। अमेरिकी जांच एजेंसी द्वारा लगाए गए आरोपों से गुरुवार को भारी गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन शुक्रवार को अडानी ग्रुप के शेयरों (Adani Group shares) ने जोरदार वापसी करते हुए बाजार को हिला दिया। अमेरिकी जांच एजेंसी द्वारा लगाए गए आरोपों ने गुरुवार को अडानी ग्रुप के शेयरों को गहरा झटका दिया। इस दिन अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पोर्ट्स और अंबुजा सीमेंट्स जैसे प्रमुख शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। शेयर बाजार में बिकवाली के कारण अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई, जिससे निवेशकों के करीब 5.35 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
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गुरुवार को इन शेयरों में दर्ज हुई गिरावट
अडानी एंटरप्राइजेज: 22.52%
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस: 20.00%
अडानी ग्रीन एनर्जी: 18.68%
अंबुजा सीमेंट्स: 11.65%
एसीसी: 6.94%
अडानी पोर्ट्स: 13.56%
अडानी विल्मर: 10.00%
एलआईसी: 1.44%
शुक्रवार: शेयर बाजार में जोरदार उछाल
गुरुवार की भारी गिरावट के बाद शुक्रवार का दिन अडानी ग्रुप के लिए राहत भरा साबित हुआ। शुरुआती कारोबार में दबाव के बावजूद ग्रुप के शेयरों ने तेजी से वापसी की। दोपहर होते-होते अंबुजा सीमेंट्स में 5%, अडानी एंटरप्राइजेज में 3.66%, एसीसी में 3.90% और अडानी पोर्ट्स में 2.33% की तेजी देखी गई।
शुक्रवार को सबसे ज्यादा मुनाफे में रहे ये शेयर
अंबुजा सीमेंट्स: 5%
अडानी एंटरप्राइजेज: 3.66%
एसीसी: 3.90%
अडानी पोर्ट्स: 2.33%
हिंडनबर्ग रिपोर्ट की यादें हुईं ताजा

यह पहली बार नहीं है जब अडानी ग्रुप पर अमेरिकी आरोपों का असर पड़ा है। जनवरी 2023 में अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद समूह के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज हुई थी। हालांकि, इस बार मामला अलग है। अमेरिकी जांच एजेंसी के ताजा आरोपों का प्रभाव 24 घंटे के भीतर खत्म हो गया और शेयर बाजार ने इसे डिफ्यूज कर दिया।
कैसे 24 घंटे में पलटी बाजी?
गुरुवार को जब अमेरिकी जांच एजेंसी ने आरोप लगाए, तो अडानी ग्रुप के सभी प्रमुख शेयर लाल निशान में थे। लेकिन शुक्रवार को घरेलू निवेशकों और संस्थागत खरीदारी के चलते स्थिति बदल गई। कुछ घंटों के भीतर अडानी ग्रुप के शेयर रेड से ग्रीन जोन में आ गए। अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट के बावजूद लंबी अवधि के निवेशकों को नुकसान नहीं हुआ। लेकिन यह साफ है कि अडानी ग्रुप की कंपनियां घरेलू बाजार में मजबूत पकड़ बनाए रखने में सफल रही हैं।
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क्या था अमेरिकी जांच एजेंसी का आरोप?
अमेरिकी जांच एजेंसी ने अडानी ग्रुप पर वित्तीय अनियमितताओं और पारदर्शिता की कमी के आरोप लगाए थे। इन आरोपों के चलते गुरुवार को बाजार में भारी बिकवाली हुई। हालांकि, भारतीय निवेशकों ने इन आरोपों को गंभीरता से न लेते हुए शुक्रवार को खरीदारी का रुख अपनाया। विशेषज्ञों का मानना है कि अडानी ग्रुप की मौजूदा स्थिति भारतीय शेयर बाजार की स्थिरता और निवेशकों के भरोसे को दर्शाती है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय दबाव और जांच के बीच समूह के लिए चुनौतियां बनी रह सकती हैं।