Ketan Parekh News Updatem:भारतीय शेयर बाजार के विवादित ऑपरेटर केतन पारेख के खिलाफ भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने कड़ी कार्रवाई की है। सेबी ने उसे शेयर बाजार में किसी भी प्रकार की भागीदारी से बैन कर दिया है और उसकी 65.77 करोड़ रुपये की अवैध कमाई भी जब्त कर ली है। इसके साथ ही, उससे जुड़े संदिग्ध बैंक खातों को भी फ्रीज कर दिया गया है। यह कार्रवाई 2 जनवरी को सेबी द्वारा जारी एक आदेश के तहत की गई।
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फ्रंट रनिंग घोटाला का पर्दाफाश

सेबी ने जब केतन पारेख के खुफिया नेटवर्क को उजागर किया, तो यह फ्रंट रनिंग घोटाला सामने आया। फ्रंट रनिंग घोटाला वह प्रक्रिया है जिसमें किसी विशेष जानकारी को सार्वजनिक होने से पहले किसी शेयर में निवेश किया जाता है। केतन पारेख इस प्रकार के घोटाले में संलिप्त था और इसे अपने खुफिया नेटवर्क के जरिए अंजाम दे रहा था। पारेख को पहले भी 2000 में हुए एक बड़े शेयर घोटाले में सजा हो चुकी थी और उस समय भी उसे 14 साल के लिए शेयर बाजार में कारोबार करने पर प्रतिबंधित किया गया था।
कैसे काम करता था केतन पारेख का नेटवर्क
सेबी के आदेश के अनुसार, केतन पारेख ने अमेरिका स्थित एक बड़े फंड हाऊस के ट्रेडर रोहित सालगांवकर के माध्यम से भारतीय शेयर बाजार में जानकारी प्राप्त की। रोहित सालगांवकर को भारतीय बाजार में व्यापार करने के लिए सलाह दी जाती थी और वह गोपनीय जानकारी को भारतीय शेयर बाजार के ऑपरेटर के पास भेजता था। केतन पारेख इस जानकारी का इस्तेमाल करके किसी काउंटर पार्टी के लिए शेयरों की खरीदारी में फायदा उठाता था।

इसके लिए पारेख ने एक विशेष फ्रंट रनर नेटवर्क तैयार किया था, जिसमें शेयर ब्रोकर और उनके कर्मचारी शामिल थे। ये लोग गोपनीय योजनाओं के बारे में पहले से जानकर शेयरों में निवेश करते थे, जिससे उन्हें भारी लाभ होता था। यह नेटवर्क आम तौर पर उन योजनाओं का पालन करता था जिन्हें पहले ही गोपनीय रूप से जान लिया जाता था।
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सिंगापुर के कारोबारी पर भी प्रतिबंध

इसके अलावा, सेबी ने सिंगापुर स्थित शेयर कारोबारी रोहित सालगांवकर पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। वह केतन पारेख के साथ मिलकर भारतीय बाजार में शेयरों का कारोबार कर रहा था। इस मामले में पारेख और उसके नेटवर्क द्वारा की गई अवैध गतिविधियों के कारण भारतीय शेयर बाजार की साख पर भी असर पड़ा है।
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कुल मिलाकर क्या हुआ?
सेबी ने केतन पारेख की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी और उसकी अवैध कार्रवाइयों को उजागर किया। अब उसे भारतीय शेयर बाजार में कोई भी गतिविधि करने से बैन कर दिया गया है, और उसकी 65.77 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त कर ली गई है। इससे यह भी साफ होता है कि सेबी ऐसे खतरनाक ऑपरेटरों पर नजर बनाए रखता है और उनके खिलाफ सख्त कदम उठाता है।