विदेश मंत्री ने कहां कि फ्रीडम ऑफ स्पीच का हिंसा भड़काने के लिए ना करें इस्तेमाल…

Shankhdhar Shivi
By Shankhdhar Shivi

भारत-कनाडा के बीच को लेकर रार छिड़ा हुआ है, इस बीच शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वॉशिंगटन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।

S Jaishankar in US: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार (29 सितंबर) को कहा कि भारत को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता यानी बोलने की आजादी की अवधारणा पर दूसरों से सीखने की जरूरत नहीं है। अभिव्यक्ति की आजादी को इस हद तक बढ़ावा नहीं दिया जा सकता कि वो हिंसा भड़काने के लिए इस्तेमाल होने लगे। ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को अमेरिकी अधिकारियों से कई दौर की बैठकें कीं। इन बैठकों में कई परस्पर महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। जिसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बात की और उनके विभिन्न मुद्दों पर सवालों का जवाब दिया।

जयशंकर बोले- अगर किसी के पास कोई ठोस जानकारी है तो शेयर करें…

जयशंकर ने सवाल पूछते हुए कहा- अगर किसी और की एम्बेसी और लोगों पर हमले हो रहे होते तो वो कैसे रिएक्ट करते? हम बताना चाहते हैं कि हमारे दरवाजे बंद नहीं हैं, अगर किसी के पास कोई ठोस जानकारी है तो आप उसे साझा करें। हम इस पर बात करने के लिए तैयार हैं। विदेश मंत्री ने आगे कहा- विएना कनवेंशन के तहत ये हर देश का फर्ज है कि वो अपने यहां रह रहे राजदूतों को काम करने के लिए सुरक्षित माहौल दें। ये मामला द्विपक्षीय नहीं बल्कि नियम और कानून का है। अभी जो भी बिलबोर्ड लगाए गए हैं, धमकियां दी गई हैं या जो प्रदर्शन हो रहे हैं, वो कनाडा में है। भारत में ये माहौल नहीं है। इसलिए उन्हें इस पर सही कार्रवाई करनी चाहिए।

दूतावास पर हमले को लेकर यूएस संग बात…

जब विदेश मंत्री जयशंकर से सवाल किया गया कि जुलाई में इस साल सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले को लेकर आप क्या कहना चाहेंगे। इस पर जयशंकर ने कहा कि इस मुद्दे को अमेरिका के सामने उठाया गया है। उन्होंने कहा, ‘हमने इस मुद्दे को उठाया है। अब आप पूछेंगे कि इसका स्टेटस क्या है, तो अभी बातचीत चल रही है। मैंने इस मुद्दे पर समय दिया है। हमने अन्य मुद्दों पर भी बात की है। बहुत से मुद्दों पर हम एक साथ हैं।

जयशंकर ने कहा- हकीकत बयानबाजी से कोसों दूर…

इससे पहले जयशंकर ने वॉशिंगटन में थिंक टैंक के साथ हुए डिस्कशन में कहा था कि हमने इस बारे में अमेरिका से चर्चा की है। विदेश मंत्री ने कहा- अपनी सहूलियत के हिसाब से क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं हो सकता। जब वास्तविकता, बयानबाजी से कोसों दूर हो जाए तो हमारे भीतर इसके खिलाफ आवाज उठाने का साहस होना चाहिए। विदेश मंत्री जयशंकर का 4 दिन में कनाडा पर दिया गया ये दूसरा बयान है। इसके पहले 26 सितंबर को उन्होंने कनाडा का नाम लिए बिना कहा था- आतंकवाद, चरमपंथ और हिंसा पर एक्शन राजनीतिक सहूलियत के हिसाब से नहीं लेना चाहिए।

जयशंकर ने पूछा ये सवाल…

विदेश मंत्री ने आगे एक सवाल किया कि अगर भारत की जगह कोई और देश होता, तो वह किस तरह बर्ताव करता? जहां आपके राजनयिकों, दूतावासों और नागरिकों को हमेशा डर के माहौल में जीना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘आप अगर मेरी जगह होते, तो कैसे रिएक्ट करते? यदि वो आपके राजनयिक, आपका दूतावास, आपके लोग होते, तो आपका रिएक्शन कैसा होता?’ दरअसल, कनाडा में मौजूद खालिस्तानी आतंकियों की वजह से सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं।

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