विदेश मंत्री S. Jaishankar का कतर दौरा आज, जानें क्या है इसके राजनैतिक मायने!

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
S. jaishankar

Delhi: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) आज कतर का दौरा करेंगे। इस दौरान वह कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी (Sheikh Mohammed bin Abdulrahman bin Jassim Al Thani) से मुलाकात करेंगे। इस यात्रा की जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी है। विदेश मंत्री की यात्रा से दोनों पक्षों को राजनीतिक, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, सुरक्षा, सांस्कृतिक और लोगों के बीच आपसी संपर्क बनाने के साथ-साथ आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों समेत द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करने का अवसर मिलेगा।

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विदेश मंत्रालय का बयान

भारत के विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा, “भारत और कतर ऐतिहासिक और मैत्रीपूर्ण संबंध साझा करते हैं। दोनों देशों के बीच समय-समय पर उच्च स्तरीय दौरे होते रहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14-15 फरवरी 2024 को कतर का दौरा किया था, जहां उन्होंने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के साथ महत्वपूर्ण चर्चा की थी।”

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आपसी हितों को मिलेगा बढ़ावा

एस. जयशंकर (S. Jaishankar) की यह यात्रा दोनों देशों के बीच राजनीतिक, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, सुरक्षा, सांस्कृतिक संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगी। यह दौरा आपसी हितों को बढ़ाने में मददगार साबित होगा। जून के पहले सप्ताह में नई दिल्ली में भारत और कतर के बीच निवेश पर संयुक्त कार्य बल (JTFI) की पहली बैठक आयोजित हुई थी। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच निवेश सहयोग को मजबूत करना था।

प्रधानमंत्री मोदी भी कर चुके है मुलाकात

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने दुबई में आयोजित COP28 शिखर सम्मेलन के दौरान कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की थी। इस दौरान द्विपक्षीय साझेदारी और कतर में रह रहे भारतीय समुदाय की बेहतरी पर चर्चा की गई थी।

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अमेरिका के राजदूत रह चुके है एस. जयशंकर

एस. जयशंकर (S. Jaishankar) भारत के विदेश मंत्री हैं और एक अनुभवी राजनयिक हैं। उनका पूरा नाम सुब्रह्मण्यम जयशंकर है। उनका जन्म 9 जनवरी 1955 को हुआ था। जयशंकर ने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में मास्टर डिग्री प्राप्त की है।

उन्होंने भारतीय विदेश सेवा (IFS) में 1977 में प्रवेश किया और कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वे अमेरिका, चीन, और सिंगापुर में भारत के राजदूत रह चुके हैं। 2015 में, उन्हें भारत का विदेश सचिव नियुक्त किया गया। मई 2019 में, वे नरेंद्र मोदी सरकार में विदेश मंत्री बने। उनकी प्रमुख उपलब्धियों में भारत-अमेरिका परमाणु समझौता और भारत-चीन सीमा प्रबंधन समझौते शामिल हैं। जयशंकर का विदेश नीति में अनुभव और रणनीतिक दृष्टिकोण भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूती प्रदान करते हैं।

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