पिछले दो वर्षो से पीएम ने 5 अगस्त को बदली थी भारत की काया, जाने इस बार का फैसला

Shankhdhar Shivi
By Shankhdhar Shivi

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि समान नागरिक संहिता पर लोगों को भड़काया जा रहा है। समान नागरिक संहिता यानी सभी धर्मों के लिए एक ही कानून। वही कपिल मिश्रा ने कहा कि 5 अगस्त को यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) भी आने वाला है।

पिछले कुछ दिनों से देशभर में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर लगातार चर्चा और राजनीति तेज हो गई है। यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) यानी समान नागरिक संहिता पर देश में पिछले कुछ चर्चा और राजनीति तेज हो गई है। 27 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार यूनिफॉर्म सिविल कोड पर खुलकर बात की थी।पीएम ने कहा था,

कि आजकल समान नागरिक संहिता के नाम पर भड़काया जा रहा है। परिवार के एक सदस्य के लिए एक नियम हो, दूसरे सदस्य के लिए दूसरा नियम हो तो क्या वो घर चल पाएगा? ऐसे में अब बीजेपी नेता कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) ने ‘एक देश एक कानून’ वाले मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है।

‘5 अगस्त भी आने वाला है और यूनिफॉर्म सिविल कोड भी’

पीएम के बयान से ये साफ हो गया कि मोदी सरकार जल्द ही इसे लेकर कानून ला सकती है। तभी से UCC को लेकर लगातार विपक्षी पार्टियों की तरफ से राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आ रही थी ऐसे में अब बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बड़ा बयान दिया है।

कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा, ”5 अगस्त को हुआ राम मंदिर का निर्णय हुआ था। 5 अगस्त को ही जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाई गई थी। 5 अगस्त भी आने वाला है यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) भी। जय श्री राम।”

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क्यों हो रहा है यूसीसी का विरोध?

मुस्लिम समुदाय यूसीसी को धार्मिक मामलों में दखल के तौर पर देखते हैं। वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के तहत शरीयत के आधार पर मुस्लिमों के लिए कानून तय होते हैं। तीन तलाक कानून बनाने पर बरेलवी मसलक के उलमा ने नाखुशी जाहिर करते हुए कहा था कि, मजहबी मामलत में दुनियावी दखलदांजी अच्छी नहीं होती है। दुनियावी कानून में सुधार होते रहते हैं पर शरीयत में तब्दीली मुमकिन नहीं।

लेकिन ये समान नागरिक संहिता क्या है?

  • समान नागरिक संहिता यानी सभी धर्मों के लिए एक ही कानून। अभी होता ये है, कि हर धर्म का अपना अलग कानून है और वो उसी हिसाब से चलता है।
  • हिंदुओं के लिए अपना अलग कानून है, जिसमें शादी, तलाक और संपत्तियों से जुड़ी बातें हैं। मुस्लिमों का अलग पर्सनल लॉ है, और ईसाइयों को अपना पर्सनल लॉ।
  • समान नागरिक संहिता को अगर लागू किया जाता है, तो सभी धर्मों के लिए फिर एक ही कानून हो जाएगा। मतलब जो कानून हिंदुओं के लिए होगा, वही कानून मुस्लिमों और ईसाइयों पर भी लागू होगा।
  • अभी हिंदू बिना तलाक के दूसरे शादी नहीं कर सकते, जबकि मुस्लिमों को तीन शादी करने की इजाजत है। समान नागरिक संहिता आने के बाद सभी पर एक ही कानून होगा, चाहे वो किसी भी धर्म, जाति या मजहब का ही क्यों न हो।

UCC के विरोध की वजह क्या?

  • मुस्लिमों संगठनों का ज्यादा विरोध।
  • धार्मिक स्वतंत्रता का हवाला दे रहे।
  • शरिया कानून का हवाला दे रहे।
  • धार्मिक आजादी छीने जाने का डर।

क्या है ये यूनिफॉर्म सिविल कोड?

यूनिफॉर्म सिविल कोड तीन शब्दों से मिलकर बना है यूनिफॉर्म, सिविल और कोड।
कोड का मतलब होता है ढेर सारे कानूनों का एक समूह, जैसे अपराध से जुड़े सारे कानूनों को इंडियन पीनल कोड यानी भारतीय दंड संहिता में इकट्ठा किया गया है। जिसे हम IPC कहते हैं। यूनिफॉर्म का मतलब एकरूपता, एक समान, एक तरह से, जैसे- स्कूल में अलग-अलग बच्चे एक ही रंग, डिजाइन की ड्रेस पहनकर आते हैं। उनमें एकरूपता होती है। कौन बच्चा, कौन सी भाषा बोलता है, किस जाति का है, किस धर्म का है, किस रंग का है, इसका कोई फर्क नहीं पड़ता।

क्या है मुस्लिम दलितों की मांग?

“देश में मुस्लिमों का एक बड़ा हिस्सा धर्म परिवर्तन के बाद मुसलमान बना। इनमें बहुतेरे ऐसे भी हैं, जो हिंदू धर्म में भेदभाव का शिकार थे और उन्होंने स्वतः इस्लाम अपना लिया। लेकिन छुआछूत और भेदभाव धर्म परिवर्तन से भी नहीं गया, और यही वजह है, कि भारत में कुछ मुस्लिमों को भी भेदभाव का शिकार होना पड़ता है।”

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