न्यूयॉर्क में सर्जनों की टीम ने बड़ी चिकित्सीय सफलता हासिल की है। बता दे कि डॉक्टरों ने मेडिकल दुनिया में पहली बार आंख की पूरी सर्जरी करके इतिहास रच दिया है। हाल ही में वहां के सर्जन ने एक पूरी आंख का ट्रांसप्लांट किया है।

Eye Transplant: न्यूयॉर्क में सर्जनों की एक टीम ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने एक चिकित्सीय सफलता के रूप में वर्णित प्रक्रिया में पूरी आंख का दुनिया का पहला ट्रांसप्लांट किया है। वही बता दे कि अब तक आई ट्रांसप्लांट में केवल आंख की ऊपरी परत कॉर्निया को ही ट्रांसप्लांट किया जाता था. अब आंख के साथ डोनर के चेहरे का हिस्सा भी मरीज को ट्रांसप्लांट किया गया है। इस सर्जरी में डोनर के ब्लड सप्लाई और उसके ऑप्टिक तंत्रिका (Nerve) को कंट्रोल करना भी शामिल था, साथ ही इसको मेडिकल साइंस में एक बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है।
46 साल के इस व्यक्ति का हुआ ट्रांसप्लांट…

अब तक डॉक्टर केवल आंख की स्पष्ट अगली परत कॉर्निया का ही ट्रांसप्लांट कर पाए थे। आंख पाने वाले एरोन जेम्स अरकंसास के 46 वर्षीय सैन्य अनुभवी हैं, जो काम से संबंधित हाई-वोल्टेज विद्युत दुर्घटना में गंभीर एक्सीडेंट का शिकार हो गए थे। जिससे उनके चेहरे का बायां हिस्सा, उनकी नाक, उनका मुंह और उनकी बाईं आंख बिल्कुल खराब हो गए हो थे। ‘एनवाईयू लैंगोन हेल्थ’ की सर्जिकल टीम के अनुसार, आंशिक चेहरे के प्रत्यारोपण के दौरान की गई सर्जरी के बाद से छह महीनों में, ग्राफ्ट की गई आंख ने अच्छी तरह से काम करने वाली रक्त वाहिकाओं और एक आशाजनक दिखने वाली रेटिना सहित स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण लक्षण दिखाए हैं।
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अंधेपन की वजह…

सबसे पहले यहां समझने की कोशिश करेंगे कि अंधेपन की वजह क्या है, और उससे निजात पाने के तरीके क्या हैं। जैसा कि हम सब जानते हैं, कि बढ़ती उम्र के साथ चीजें धुंधली नजर आने लगती है। चिंता भी बढ़ जाती है कि कहीं हम अंधे तो नहीं हो जाएंगे। दरअसल धुंधलापन के पीछे की बड़ी वजह मोतियाबिंद का होना है, यह परेशानी खास उम्र में होती है, जिसे ऑपरेशन के जरिए उपचार किया जाता है। अंधेपन की समस्या जन्मजात होने के साथ ही एक्सीडेंट की वजह से भी होती है। अगर विजन लॉस की दिक्कत एक्सीडेंट की वजह से हो तो उसमें कॉर्निया ट्रांसप्लांट होता है। इसमें कुछ टिश्यू को निकाल कर अंधेपन की समस्या पर काबू पाया जाता है। लेकिन अगर अंधेपन की समस्या जन्मजात हो तो इसका अर्थ यह है, कि समस्या ऑईबॉल, ब्लड सप्लाई और ऑप्टिक नर्व से जुड़ी है।
140 डॉक्टरों ने की 21 घंटे की सर्जरी…

करीब 140 डॉक्टरों की टीम 21 घंटे की सर्जरी में यह ट्रांसप्लांट किया। संपूर्ण आंख के ट्रांसप्लांट पर लंबे समय से चिकित्सा क्षेत्र में शोध चल रहे हैं। शोधकर्ताओं को चूहों में कुछ सफलता मिली है, जहां उनकी आंशिक दृष्टि बहाल की जा सकी। इससे पहले किसी जीवित व्यक्ति की आंख का संपूर्ण ट्रांसप्लांट नहीं किया गया था।
ट्रांसप्लांट की गई आंख हेल्दी : डॉक्टर्स

NYU लैंगोन हेल्थ की सर्जिकल टीम को लीड कर रहे डॉ. एडुआर्डो रोड्रिग्ज ने कहा- ट्रांसप्लांट की गई आंख हेल्दी है। रेटिना- आंख का वो हिस्सा जो दिमाग को इमेज भेजता है, तक ब्लड फ्लो हो रहा है। ये पॉजिटव साइन है। सर्जरी के 6 महीनों में ट्रांसप्लांट की गई आंख की अच्छी तरह से काम करने की उम्मीद है। उसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा कि मरीज देख पाएगा या नहीं।