Old Rajendra Nagar Accident: दिल्ली कोचिंग हादसे में मृतक छात्रों के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना (Delhi LG Vinay Kumar Saxena) ने की है. उनके ऑफिस ने इस बात की पुष्टि की है. उपराज्यपाल के ऑफिस (Lieutenant Governor Office) ने इसके साथ ही बताया कि एलजी ने 24 घंटे के भीतर दिल्ली फायर डिपार्टमेंट (Delhi Fire Department), पुलिस और एमसीडी के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का भी आश्वासन दिया है.
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छात्रों की मौत का मुद्दा राज्यसभा में भी उठा
दिल्ली में एक IAS कोचिंग सेंटर (IAS coaching center) में शनिवार शाम को पानी भरने से तीन छात्रों की मौत का मामला राज्यसभा में भी उठा. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने कहा कि कोचिंग एक फलता-फूलता उद्योग बन गया है, जिसमें अच्छे रिटर्न मिलते हैं. उन्होंने इसे गैस चैंबर के रूप में वर्णित करते हुए कहा कि इस प्रकार के उद्योगों के लिए अखबारों में विज्ञापन भी दिए जाते हैं, जिनकी जांच की जानी चाहिए। उन्होंने राज्यसभा में इस मामले पर चर्चा की अनुमति देते हुए कोचिंग सेंटरों द्वारा छात्रों से वसूली जाने वाली भारी रकम का भी जिक्र किया.
उन्होंने कहा कि कोचिंग कल्चर एक गैस चैंबर से कम नहीं है, जहां हर दिन नए अवसरों की खोज होती है. इस विवादित मामले में, वह एक सोचने का दृष्टिकोण भी रखते हैं, जो इस समस्या का समाधान ढूंढने में मदद कर सके.
दृष्टि आईएएस कोचिंग सेंटर सील
आपको बता दे कि नेहरू विहार के वर्धमान मॉल में चल रहे विकास दिव्यकीर्ति के दृष्टि आईएएस कोचिंग सेंटर (Drishti IAS Coaching Center) को एमसीडी ने आज सील कर दिया. दिल्ली के उपराज्यपाल के ऑफिस ने इसकी घोषणा की है कि एलजी ने 24 घंटे के भीतर दिल्ली फायर डिपार्टमेंट, पुलिस और एमसीडी के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
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इमारतों और संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई जारी
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थित राव आईएएस स्टडी सर्किल (Rao IAS Study Circle) के बेसमेंट में पानी भरने से हुई तीन छात्रों की मौत के बाद एमसीडी चरण में आई है और उसने वही सभी इमारतों और संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, जहां नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है. दरअसल, वह वर्धमान मॉल में दृष्टि कोचिंग सेंटर (Drishti Coaching Center) के संचालन का उल्लंघन कर रहा था, जिसका नक्शा 2007 में डीडीए ने पास किया था. डीडीए ने 2010 में उसके लिए कंपलीशन सर्टिफिकेट भी दे दिया था.
एमसीडी ने 9 बार डीडीए को चिट्ठी लिखी
उसके बाद 30 जून 2023 को एमसीडी (MCD) ने इसे अवैध घोषित किया, जिस पर एमसीडी ने 9 बार डीडीए को चिट्ठी लिखी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. डीडीए ने जून 2024 में एमसीडी को एक एफआईआर की कॉपी दी और कहा कि फाइल खो गई है और आप एक्शन लीजिए.
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