नई संसद की अगुवाई में पुराने संसद की विदाई…

Shankhdhar Shivi
By Shankhdhar Shivi

सदन के पांच दिवसीय सत्र की शुरुआत सोमवार से होगी। सद के पांच दिवसीय सत्र की शुरुआत सोमवार यानि आज से होगी। वही नये सत्र के शुरू होने से पहले इस बात को लेकर चर्चा जोरों पर है कि क्या सरकार इस दौरान कुछ चौंकाने वाली चीजें पेश करेगी

Parliament Special Session: संसद का पांच दिवसीय सत्र सोमवार (18 सितंबर) से शुरू हो रहा है। नये सत्र के शुरू होने से पहले इस बात को लेकर चर्चा जोरों पर है कि क्या सरकार इस दौरान कुछ चौंकाने वाली चीजें पेश करेगी। सत्र में संसद के 75 साल के सफर पर चर्चा और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति समेत चार विधेयकों पर विचार किया जाना प्रस्तावित है। इसे मौजूदा लोकसभा का 13वां और राज्यसभा का 261वां सत्र बताया गया है। सत्र 22 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान सदन की कार्रवाई 11 बजे से दोपहर एक बजे और फिर अपराह्न दो बजे से शाम छह बजे तक चलेगी।

पांच दिन के सत्र में 8 विधेयकों पर होगी चर्चा…

विशेष सत्र से पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा है, कि सत्र के दौरान कुल आठ विधेयकों को विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। रविवार को एक सर्वदलीय बैठक में सदन के नेताओं को सूचित किया गया कि वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण पर एक विधेयक और SC/ST आदेश से संबंधित तीन विधेयकों को एजेंडे में जोड़ा गया है।

महिला आरक्षण विधेयक तीन दशकों से लंबित…

वहीं, करीब 27 साल से लंबित महिला आरक्षण विधेयक को संसद में पेश किए जाने के लिए नए सिरे से जोर दिये जाने के बीच आंकड़ों से पता चलता है, कि लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 15 प्रतिशत से भी कम है, जबकि कई राज्यों की विधानसभाओं में उनका प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत से भी कम है। इस मुद्दे से जुड़ा अंतिम ठोस घटनाक्रम 2010 में हुआ था, जब राज्यसभा ने हंगामे के बीच विधेयक को पारित कर दिया था। मार्शल ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के कदम का विरोध करने वाले कुछ सांसदों को बाहर कर दिया था। हालांकि, विधेयक लोकसभा से पारित नहीं हो सका और अटक गया।

कब और क्यों होता है विशेष सत्र, अब तक कितनी बार बुलाया गया?

संविधान में ‘विशेष सत्र’ का उल्लेख नहीं है लेकिन यह अहम विधायी और राष्ट्रीय हित की घटनाओं से जुड़े हालात में राष्ट्रपति के आदेश के बाद सरकार की ओर से बुलाया जा सकता है। ऐसे सत्र में प्रश्नकाल को रखना अनिवार्य नहीं है। अब तक सात बार विशेष सत्र बुलाए गए हैं। इनमें पहला विशेष सत्र 1977, दूसरा सत्र 1991, तीसरा सत्र 1992, चौथा सत्र 1997, पांचवां सत्र 2008, छठा सत्र 2015 और सातवां सत्र 2017 में बुलाया गया था।

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मंगलवार को होगा ग्रुप फोटो…

लोकसभा बुलेटिन के अनुसार, यह समारोह भारतीय संसद की समृद्ध विरासत को याद करेगा और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लेगा। सरकार का विधायी कामकाज 20 सितंबर से नए भवन में शुरू होगा। मंगलवार सुबह लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्यों को ग्रुप फोटो के लिए बुलाया गया है। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक, सभी सांसदों को मंगलवार सुबह 9.30 बजे ग्रुप फोटो के लिए बुलाया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि ग्रुप फोटो के लिए पुरानी इमारत के आंतरिक प्रांगण में व्यवस्था की गई है। नए संसद भवन में प्रवेश के लिए सांसदों को नए पहचान पत्र भी जारी किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि कैटरिंग भी 19 सितंबर को नई बिल्डिंग में शिफ्ट हो जाएगी।

ड्रेस कोड पर विवाद…

संसद के कर्मचारियों के एक वर्ग के लिए फूल की आकृति वाले नये ‘ड्रेस कोड’ ने पहले ही एक राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस ने इसे सत्तारूढ़ पार्टी के चुनाव चिह्न ‘कमल’ के फूल को प्रचारित करने की एक ‘सस्ती’ रणनीति करार दिया है। सत्र की घोषणा करते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसे ‘‘विशेष सत्र” बताया था, लेकिन सरकार ने बाद में स्पष्ट कर दिया था कि यह एक नियमित सत्र यानी मौजूदा लोकसभा का 13वां और राज्यसभा का 261वां सत्र है।

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