Election 2024: देश में इस समय चुनावी माहौल है, कुछ दिनों में 18वीं लोकसभा चुनाव होने जा रहे है. चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है. 19 अप्रैल से सात चरणों में चुनाव होगा. जिसको लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है. मतदाता भी अपने देश के नेता को चुनने के लिए उतावले बैठे दिखाई दे रहे है. भारत की तरह ही दुनिया की लगभग आधी आबादी अपने नेता को चुनने वाली है. बता दे कि मैक्सिको से साउथ अफ्रीका, और ब्रिटेन से लेकर बेल्जियम तक कुल 80 देशों में या तो हाल में चुनाव हुए, या आने वाले कुछ महीनों में होंगे.
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चुनाव का नतीजा बहुत ही अहम होता
इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब 60 प्रतिशत से अधिक आर्थिक उत्पादन और आधी से अधिक आबादी वाले देशों में इस साल चुनाव होंगे. चुनाव कोई भी उसका नतीजा बहुत ही अहम होता है, लेकिन कई डेमोक्रेसीज ऐसी है, जिनके हार-जीत से दुनिया पर असर पड़ता है.भारत, अमेरिका समेत 61 देशों (और यूरोपीय यूनियन) में राष्ट्रपति या संसदीय चुनाव होंगे. दुनिया की कुल आबादी का 49% हिस्सा अपने मतों का इस्तेमाल करेगा.
किस दावेदार पर वोटरों का भरोसा?
राष्ट्रपति चुनाव नवंबर महीने में होने है, लेकिन सियासी भूचाल अभी से ही आया हुआ है. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी एक उम्मीदवार है. ये रिपब्लिकन पार्टी से दावेदार है और वोटर सबसे ज्यादा भरोसा इन पर ही दिखा रहे है. एक सर्वे के मुताबिक 59% वोटरों ने इकनॉमी के मामले में ट्रंप पर भरोसा किया,जबकि वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन पर केवल 37% ने भरोसा जताया. ये उनका अंदरुनी मामला है,लेकिन इसका असर सभी देशों पर दिखेगा.
इकोनॉमी और डिप्लोमेसी पर असर हो सकता
जैसे कि डेमोक्रेटिक पार्टी को कम आक्रामक माना जाता है. वहीं रिपब्लिकन समेत उसका उम्मीदवार भी बेहद आक्रामक माना जाता है. अगर ट्रंप की बात करें तो वे रूस में वर्तमान सत्ता के करीबी माने जाते रहे, जबकि चीन से तनाव अक्सर बयानों में दिखता रहा. इन बड़े देशों के साथ रिश्तों में उतार-चढ़ाव होते ही हरेक की इकोनॉमी और डिप्लोमेसी पर असर हो सकता है. जैसे जो देश अमेरिका के दोस्त हैं, देखादेखी उन्हें भी किसी से कठोर या किसी के लिए नरम लहजा अपनाना पड़ सकता है.
श्रीलंका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव
भारत के नजदीकी देश श्रीलंका में भी चुनाव होना है,ये चुनाव बहुत ही खास माना जा रहा है. साल 2022 में आर्थिक संकटों से जुझने के बाद वहां राष्ट्रपति पद के लिए ये पहला चुनाव होगा.भारत और चीन दोनों की इस पर नजरें रहेंगी क्योंकि दोनों ही देशों ने श्रीलंका को भारी कर्ज भी दिया, साथ ही भारत इस देश का सबसे करीबी सहयोगी भी माना जाता रहा.