Mohammad Iqbal: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने केंद्रीय जांच एजेंसी ने उनकी संपत्तियों को जब्त कर लिया है. जिसमें एक यूनिवर्सिटी की 4,440 करोड़ रुपये की इमारत और जमीन शामिल है. राजधानी स्थित ईडी के जोनल कार्यालय ने बीते दिन अवैध खनन के मामले में ये कार्रवाई की है. बता दें कि इकबाल बीते कई महीनों से फरार होकर दुबई में पनाह लिए है. उसके खिलाफ देश भर की करीब एक दर्जन से ज्यादा एजेंसियां जांच कर रही हैं.
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अंतिम कुर्की आदेश जारी किया था
जांच एजेंसी ईडी (ED) द्वारा किए गए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक अंतिम कुर्की आदेश जारी किया गया था. इसके बाद ईडी ने 121 एकड़ जमीन और ग्लोकल यूनिवर्सिटी की इमारत को जब्त कर लिया है. ईडी ने इस संपत्ति को ‘अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट’ के नाम पर दर्ज किया है, जिस पर मोहम्मद इकबाल और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा किया जाता है. इस मामले में ईडी ने तकरीबन 10 साल पहले मोहम्मद इकबाल के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज की गयी खनन घोटाले की एफआईआर के आधार पर जांच शुरु की थी.
खनन के पट्टों में हुई धांधली से जुड़ा मामला
ये अपराधिक मामला अवैध खनन से जुड़ा हुआ है और ईडी द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई है. जिसमें लीज होल्डर महमूद अली, दिलशाद, मोहम्मद इनाम, महबूब आलम (अब मृत), नसीम अहमद, अमित जैन, नरेंद्र कुमार जैन, विकास अग्रवाल, मोहम्मद इकबाल का बेटा मोहम्मद वाजिद, मुकेश जैन, नरेंद्र कुमार, पुनीत कुमार और कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारियों को नामजद किया गया था.वहीं ईडी की जांच में यह बात सामने निकल कर आई कि सभी खनन फर्मों का स्वामित्व और संचालन मोहम्मद इकबाल के पास था.इकबाल और उसके करीबियों की कंपनियां और फर्में सहारनपुर और आस-पास के इलाकों में बड़े पैमाने पर अवैध खनन में शामिल थी.
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मोहम्मद इकबाल इस समय फरार
ED के अधिकारियों के अनुसार, मोहम्मद इकबाल इस समय फरार है और उसके दुबई भागने की आशंका है. उसके चार बेटे व भाई अलग-अलग मामलों में जेल में बंद हैं. ED के अनुसार, इकबाल ही अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का चेयरमैन था और इसके सभी ट्रस्टी इकबाल के परिवार के थे. 10 वर्ष साल पहले सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू की थी.
इकबाल के बेटे और भाई जेल में बंद
मोहम्मद इकबाल के चार बेटे और भाई विभिन्न अपराधिक मामलों में जेल में बंद हैं. इसके अलावा, ट्रस्ट द्वारा उपलब्ध की गई रकम को असुरक्षित कर्ज और दान के रूप में दिया गया था, जिसका प्रयोग बाद में यूनिवर्सिटी की भूमि और भवनों के निर्माण में किया गया. ईडी की जांच में पता चला है कि इस तरह करीब 500 करोड़ रुपये ट्रस्ट के जरिए ग्लोकल यूनिवर्सिटी में निवेश किए गए थे, जिसकी वर्तमान बाजारी कीमत 4440 करोड़ रुपये है.