छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और उनके बेटे को ED ने किया गिरफ्तार

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Retired IAS Anil Tuteja: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ईडी ने बड़ा एक्शन लिया है. इस मामले में ईडी ने रिटायर्ड IAS अफसर अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टूटेजा को गिरफ्तार कर लिया है. बीते दिन आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में दोनों लोग बयान दर्ज कराने के लिए पहुमचे थे. 5 घंटे की पूछताछ के बाद ईडी के टीम ने दोनों को ईओडब्लू ऑफिस से बयान दर्ज कराने के बाद कार्यालय से बाहर निकलने के दौरान गिरफ्तार कर लिया. करीब 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा के इस शराब घोटाले में ED ने 8 अप्रैल को चार्जशीट दायर की थी.

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पूछताछ के लिए ED के सब जोनल कार्यालय लाया गया

बताते चले कि पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और उनके बेटे को पूछताछ के लिए पचपेड़ी नाका स्थित ईडी के सब जोनल कार्यालय लाया गया था. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों शराब घोटाला मामले में मनी लांड्रिंग के आरोपों को खारिज करते हुए मनी लांड्रिंग के केस को रद्द कर दिया था.जिसके जवाब में ईडी ने शराब घोटाला मामले में नए सिरे से इंन्फोसर्मेंट केस इंफार्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) रजिस्टर्ड कर मामले की नए सिरे से जांच शुरू की. ईसीआईआर में अनील टूटेजा और उनके बेटे का भी नाम शामिल है. जिसके चलते ईडी ने दोनों को हिरासत में ले लिया है.

ईडी ने एक नई एफआईआर दर्ज करवाई

आपको बता दे कि शराब घोटाला मामले की जांच ईडी के प्रतिवेदन के बाद ईओडब्ल्यू ने शुरू कर दी थी. सुप्रीम कोर्ट से केस रद्द होने के बाद ईडी ने एक नई एफआईआर दर्ज करवाई. जिसके बाद अब दोनों जांच एजेंसी शराब घोटाले की जांच कर रही हैं. पूर्व में दर्ज एफआईआर में 70 लोगों के नाम शामिल नाम है. शराब घोटला को लेकर जेल से जमानत पर रिहा होने के तत्काल बाद तीन अप्रैल को ईओडब्लू की टीम ने अरविंद सिंह और उसके दूसरे दिन अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया. वहीं आबकारी विभाग के पूर्व एमडी एपी त्रिपाठी को बिहार से गिरफ्तार किया है, जो 25 अप्रैल तक ईओडब्लू की रिमांड पर है.

दोनों भागने की फिराक में रास्ता खोजने लगे

ईओडब्ल्यू ने पूछताछ के लिए कार्यालय पर अनिल टूटेजा और उनके बेटे को बुलाया था. ईडी के 6 सदस्यीय टीम बाहर मौजूद थी. दोनों लोगों का ईओडब्ल्यू कार्यालय से निकलने का इंतजार किया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अनिल टूटेजा तथा यश ईओडब्लू कार्यालय से जैसे ही बाहर निकले, उनकी नजर ईडी के अफसरों पर पड़ गई. जिसके बाद दोनों भागने की फिराक में रास्ता खोजने लगे. कुछ समझ में नहीं आया तो वह फिर ईओडब्ल्यू के कार्यालय में चले गए. 20 मिनट तक चले ड्रामें के बाद टीम अपने साथ लेकर चली गई.

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