Earthquake Update: अफगानिस्तान में शुक्रवार की रात एक बार फिर धरती कांप उठी। रिपोर्ट के अनुसार, यह भूकंप 19 जुलाई 2025 को देर रात 02:11 बजे दर्ज किया गया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.2 मापी गई। भूकंप की गहराई 125 किलोमीटर थी, और इसका केंद्र 36.28° उत्तरी अक्षांश व 71.26° पूर्वी देशांतर पर स्थित था। झटकों के बाद कई इलाकों में लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए।
Read more:Earthquake Update: भूकंप का कहर जारी! चिली और अलास्का में तेज झटकों से दहशत, सुनामी की भी चेतावनी!
अफगानिस्तान में ही क्यों आता है बार-बार भूकंप..
अफगानिस्तान भूकंपीय दृष्टिकोण से एक अति-संवेदनशील क्षेत्र है। यह इलाका टेक्टोनिक प्लेटों की सीमाओं के पास स्थित है, जहां अक्सर मध्यम से तेज़ तीव्रता के भूकंप दर्ज किए जाते हैं। समय-समय पर यहां धरती का हिलना आम बात बन चुकी है, लेकिन हर झटका लोगों के मन में भय पैदा कर देता है।
भूकंप के अन्य कारण भी हैं
भूकंप का कारण केवल प्लेटों की गति ही नहीं होती। कई बार ज्वालामुखी फटना, बड़े बांधों का निर्माण, गहरे खनन कार्य, पहाड़ों का टूटना या भूस्खलन जैसी मानवजनित और प्राकृतिक घटनाएं भी भूकंप का कारण बनती हैं। इन घटनाओं से धरती की सतह अस्थिर होती है और झटके महसूस किए जाते हैं।
रिक्टर स्केल से नापी जाती है तीव्रता

भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए “रिक्टर स्केल” का उपयोग किया जाता है। यह स्केल 1 से 10 तक होता है, जिसमें 1 बहुत हल्का और 10 अत्यंत विनाशकारी भूकंप को दर्शाता है। अफगानिस्तान में आए 4.2 तीव्रता के भूकंप को मध्यम श्रेणी का माना जाता है, लेकिन गहराई अधिक होने के कारण झटके अपेक्षाकृत कम विनाशकारी रहे।
Read more:Pahalgam Attack:अमेरिका ने ‘TRF’ को घोषित किया आतंकवादी संगठन, पहलगाम हमले की ली थी जिम्मेदारी
भारत भी भूकंप के लिहाज से संवेदनशील
भारत का उत्तर और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र, विशेष रूप से हिमालयी क्षेत्र, भूकंप के लिहाज से सबसे संवेदनशील माने जाते हैं। इसका कारण है इंडियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट के बीच टकराव। इस वजह से उत्तर भारत में जैसे-जैसे टेक्टोनिक गतिविधियां बढ़ती हैं, भूकंप की घटनाएं भी लगातार सामने आती रहती हैं।