Earthquake: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में रविवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.7 मापी गई। यह झटका सुबह 8 बजकर 42 मिनट पर आया और इसका केंद्र सुंदरनगर के किआरगी क्षेत्र में था। भूकंप की गहराई 5 किलोमीटर नीचे बताई जा रही है।
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भूकंप के बाद लोगों में दहशत

भूकंप के झटके लगने के बाद लोग घबराकर घरों से बाहर आ गए। लेकिन राहत की बात यह है कि फिलहाल किसी भी प्रकार के जान-माल के नुकसान की जानकारी नहीं आई है। भूकंप की तीव्रता इतनी कम थी कि कुछ लोगों को इसका एहसास भी नहीं हुआ। हालांकि, इलाके में रहने वाले लोग इस घटना से खौफजदा थे, क्योंकि पहले भी हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भूकंप के झटके आते रहे हैं।
हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में बार-बार आते हैं भूकंप

हिमाचल प्रदेश के विभिन्न इलाके, जैसे चंबा, शिमला, लाहौल स्पीति, कांगड़ा, मंडी और किन्नौर भूकंप के दृष्टिकोण से अत्यधिक संवेदनशील माने जाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इन इलाकों में बार-बार भूकंप आते रहते हैं, क्योंकि यहां की भौगोलिक स्थिति और टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियां इस तरह की घटनाओं के लिए उपयुक्त होती हैं।
उत्तर भारत में एक सप्ताह में दूसरा भूकंप
यह भूकंप उत्तर भारत में पिछले एक सप्ताह के भीतर आया दूसरा झटका है। इससे पहले, सोमवार को दिल्ली में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसमें रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.0 मापी गई थी। इसका केंद्र दिल्ली के धौलाकुंआ क्षेत्र में था और इसकी गहराई 5 किलोमीटर नीचे थी। यह लगातार आ रहे भूकंपों ने इलाके के लोगों को चिंता में डाल दिया है।
क्या होते हैं भूकंप के प्रमुख कारण?

भूकंप के मुख्य कारणों में टेक्टोनिक प्लेटों की गति, ज्वालामुखी विस्फोट, मानवजनित गतिविधियां और पृथ्वी की क्रस्ट में संपीड़न और तनाव शामिल हैं। जब टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकराती हैं, तो एक घर्षण उत्पन्न होता है, जिससे ऊर्जा संचय होता है। जब यह ऊर्जा अचानक सतह के नीचे से बाहर निकलती है, तो यह भूकंप के रूप में महसूस होती है। भूकंप पृथ्वी के भीतर ऊर्जा के टूटने और विस्फोट का परिणाम होते हैं।
इस प्रकार के भूकंपों की गतिविधि वैज्ञानिकों के लिए लगातार अध्ययन का विषय बनी हुई है, ताकि भविष्य में इन घटनाओं से निपटने के उपायों पर विचार किया जा सके और प्रभावित इलाकों में सुरक्षा उपायों को बढ़ाया जा सके।
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