Uttar Pradesh Paper Leak:उत्तर प्रदेश में मानो भर्ती परीक्षा पेपर लीक होने का सिलसिला शुरु हो गया है.प्रदेश की योगी सरकार एक तरफ जहां लगातार नौकरी के लिए भर्ती परीक्षा आयटोजित करवा रही है तो वहीं सूबे की सरकार पेपर लीक को रोकने में नाकामयाब होती भी दिख रही है।हाल ही में आयोजित दो बड़ी परीक्षाओं के पेपर लीक मामले पर योगी सरकार ने सख्त एक्शन लेते हुए परीक्षा को 6 माह के बीतर दोबारा करवाने का आदेश दिया है.यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा के अलावा सीएम योगी ने आज यूपीपीएससी आरओ-एआरओ की परीक्षा भी अब दोबारा करवाने का आदेश जारी कर दिया है।
Read More:LS चुनाव से पहले सख़्त EC,राजनीतिक दलों को भाषणों और प्रचार में मर्यादा रखने की दी हिदायत
आपको बता दें कि,11फरवरी 2024 को लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित समीक्षा अधिकारी/ सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा को आज उत्तर प्रदेश सरकार ने निरस्त कर दिया है और इस परीक्षा को 6 महीने के अंदर फिर से कराने का निर्देश दिया है.इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा को निरस्त करके 6 महीने के अंदर दोबारा एक्जाम कराने का फैसला लिया था.परीक्षा को निरस्त करने बाद सीएम योगी ने कहा कि,परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी दशा में नहीं छोड़ेंगे.इसकी जांच STF के द्वारा कराई जाएगी।
Read More:Nitin Gadkari का दिखा आक्रामक रुप,Congress को 3 दिन के भीतर माफी मांगने की दी चेतावनी
6.5 लाख अभ्यर्थियों ने दी थी परीक्षा
11 फरवरी 2024 को लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित आरओ\ एआरओ की परीक्षा प्रदेश के पूरे 58 जिलों में आयोजित की गई थी.जिसमें आवेदन करने वाले अभ्यर्थियो की संख्या पौने 11 लाख थी.जिसमें से तकरीबन 6.5 लाख अभ्यर्थियो ने परीक्षा दी थी.जिसके बाद इस परीक्षा में कथित रूप से प्रश्न पत्र के कतिपय प्रश्नों के सोशल मीडिया पर वायरल होने की शिकायतें दर्ज कराई गई और छात्रों द्वारा इस मामले को लेकर काफी विरोध किया जाने लगा।
Read More:2024 के चुनाव में BJP का आगाज,पहली लिस्ट में 195 उम्मीदवारों का किया ऐलान
शासन ने मांगे थे पेपर लीक संबंधी सबूत
पेपर लीक मामले पर छात्रों द्वारा लगातार आंदोलन किए जाने पर 27 फरवरी को शासन ने अभ्यर्थियों से पेपर संबंधी आपत्तियों को सबूत के साथ मांगा था.क्योंकि आंदोलन कर रहे आभ्यर्थियों का कहना था कि,RO/ ARO भर्ती पेपर लीक के खिलाफ उनके पास सारे सबूत हैं और उनकी मांग थी कि,पेपर को निरस्त किया जाए.इन अभ्यर्थी में से लखनऊ के पवन कश्यप और राहुल त्रिवेदी जिन्होंने 11 फरवरी को अन्य छात्रों की तरह लखनऊ में ही इसकी परीक्षा दी थी.उनका कहना है कि,जैसे ही वे अपनी पहली शिफ्ट की परीक्षा देकर बाहर निकले तो उनके मोबाइल पर कैमस्कैनर के जरिए स्कैन किया हुआ एक पीडीएफ पहुंचता है.जिसमें पहली शिफ्ट के GS के साथ-साथ हिंदी का भी पेपर था जो दोपहर 2:30 बजे से होने वाला था।