DU college: यह विवाद दिल्ली विश्वविद्यालय के लक्ष्मीबाई कॉलेज में उस समय चर्चा का विषय बन गया जब कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. प्रत्यूष वत्सला ने कक्षाओं की दीवारों पर गोबर का लेप करवाया, जिसे उन्होंने प्राकृतिक शीतलन (नेचुरल कूलिंग) के एक प्रयोग का हिस्सा बताया। यह मामला तब और गरमा गया जब दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के अध्यक्ष रोनक खत्री ने प्रिंसिपल के कार्यालय की दीवारों पर गोबर पोत दिया और इसे “प्राकृतिक ठंडक” का स्वाद चखाने की प्रतिक्रिया बताया।
सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया जिसमें रोनक खत्री अपने साथियों के साथ प्रिंसिपल के कमरे में घुसते हैं और वहां मौजूद स्टाफ से तीखी बहस करते हुए नज़र आते हैं। छात्रों का कहना है कि कक्षाओं की दीवारों पर गोबर पोतने जैसे फैसले में न तो छात्रों से कोई सहमति ली गई और न ही यह प्रयोग अधिकृत रूप से स्वीकृत था।
छात्रों की बिना सहमति के न करें चीजें
खत्री ने बात करते हुए कहा, “अगर आप शोध करना चाहते हैं, तो अपने घर पर करें। छात्रों को बिना उनकी सहमति के इस तरह के अस्वाभाविक प्रयोग का हिस्सा नहीं बनाया जा सकता।” उन्होंने यह भी मांग की कि अगर प्रिंसिपल को यह तरीका इतना प्रभावी लगता है तो उन्हें अपने कार्यालय से एसी हटाकर खुद भी इसी प्राकृतिक पद्धति का पालन करना चाहिए।
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प्रिंसिपल ने की मीडिया से बात…
प्रिंसिपल वत्सला ने 13 अप्रैल को मीडिया को बताया कि यह एक फैकल्टी-नेतृत्व वाला शोध प्रोजेक्ट है जो पारंपरिक और स्वदेशी शीतलन तकनीकों की वैज्ञानिक पड़ताल कर रहा है। उन्होंने कहा, “यह प्रक्रिया अभी जारी है, और एक हफ्ते बाद मैं इसके पूरे शोध विवरण साझा करूंगी।” उनका दावा है कि उनकी मंशा को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर बना मजाक
इस पूरे मामले पर छात्रों और अभिभावकों में रोष है, वहीं सोशल मीडिया पर इसे लेकर खूब मजाक और आलोचना हो रही है। रोनक खत्री ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, “हमें पूरा विश्वास है कि अब मैडम अपने कमरे का एसी छात्रों को सौंपेंगी और इस आधुनिक व प्राकृतिक गोबर लेपित वातावरण में कॉलेज चलाएंगी।”