Dr. APJ Abdul Kalam Birth Anniversary: भारत के 11वें राष्ट्रपति और ‘मिसाइल मैन’ के नाम से विख्यात डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (Dr. A.P.J. Abdul Kalam) की 15 अक्टूबर को 93वीं जयंती है। उनके जन्मदिन को विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस विशेष अवसर पर, हम डॉ. कलाम के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक कहानियों का जिक्र करेंगे, जो उनकी सादगी, सौम्यता, समर्पण और ईमानदारी की अनोखी मिसाल पेश करती हैं।
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जीवन और करियर
डॉ. कलाम(Dr. A.P.J. Abdul Kalam) का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ। उनका जीवन संघर्षों से भरा था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। अपने शिक्षा के दिनों में, उन्होंने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में गहरी रुचि विकसित की। वे भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल एसएलवी-3 के विकास में निदेशक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें पूरे देश में पहचान दिलाई।
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सादगी की मिसाल
डॉ. कलाम (Dr. A.P.J. Abdul Kalam)अपनी सादगी के लिए प्रसिद्ध थे। राष्ट्रपति बनने के बाद भी उन्होंने अपनी जीवनशैली को सरल रखा। वे अपनी व्यक्तिगत चीजों को हमेशा साधारण रखते थे और लोगों के साथ मिलजुलकर रहने में विश्वास करते थे। यह उनकी विनम्रता थी कि वे हमेशा लोगों के बीच रहना पसंद करते थे, चाहे वे बच्चे हों या वैज्ञानिक। उनका मानना था कि ज्ञान और शिक्षा का प्रसार करना सबसे बड़ा सेवा कार्य है।
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सेवा और योगदान
डॉ. कलाम ने हमेशा अपने कार्यों के माध्यम से समाज की सेवा करने का प्रयास किया। उन्होंने बच्चों और युवाओं के साथ समय बिताने में विशेष रुचि दिखाई। वे अक्सर स्कूलों और कॉलेजों में जाकर छात्रों से मिलते थे, उन्हें प्रेरित करते थे और उनके सपनों को साकार करने के लिए मार्गदर्शन करते थे। डॉ. कलाम ने अपनी पूरी जिंदगी विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित की।
संस्मरण और प्रेरणा
डॉ. कलाम ने लिखा था, “जब मैं अपने अतीत को याद करता हूं, तो मुझे विश्वास नहीं होता कि यह सब मेरे साथ हुआ। मैं खुद को उस छोटे बच्चे की तरह पाता हूं, जो जीवन की खोज में है।” यह वाक्य उनकी विनम्रता और आत्मविश्लेषण की गहराई को दर्शाता है। वे हमेशा सीखने और विकसित होने के प्रति समर्पित रहे।