जाने क्यों मिली मस्जिद के सामने कुरान जलाने की अनुमति…

Shankhdhar Shivi
By Shankhdhar Shivi

स्वीडिश में ईद-अल-अजहा के मौके पर पुलिस ने बुधवार दोपहर को सेंट्रल स्टॉकहोम में मुख्य मस्जिद के पास कुरान जलाने की योजना बना रहे एक व्यक्ति को अनुमति दे दी है। CNN के मुताबिक, अभिव्यक्ति की आजादी के तहत एक दिन के प्रदर्शन के लिए ये इजाजत दी गई थी।

Sweden Quran: यूरोपीय देश स्वीडन में एक बार फिर कुरान जलाने की तैयारी की जा रही है। स्वीडन की पुलिस ने ऐसी योजना बना रहे एक व्यक्ति को विरोध प्रदर्शन की अनुमति भी दे दी है। बता दे कि प्रदर्शन कर रहे शख्स ने कुरान के कुछ पन्नों को फाड़कर उसमें आग लगा दी। इसके बाद उसने स्वीडन का झंडा भी लहराया। प्रोटेस्ट देख रहे 200 लोगों में से कुछ उसके पक्ष में तो कुछ विरोध में नारे लगाते हैं। इनमें से एक व्यक्ति ने अरबी में गॉड इज ग्रेट चिल्लाकर प्रदर्शनकारी पर पत्थर भी फेंका। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। आप को बता दे कि इससे पहले भी स्वीडन में कुरान जलाने की घटना हो चुकी है। इस कारण स्वीडन की नाटो की सदस्यता भी अटक गई थी। इसके बावजूद स्वीडन अभिव्यक्ति की आजादी और धार्मिक स्वतंत्रता की दलील दे रहा है।

प्रदर्शन करने वाले शख्स की यह है दलील…


जिसे प्रदर्शन की अनुमति दी गई, उस शख्स मोमिका ने कहा कि ‘हम कुरान की प्रति जलाने जा रहे हैं। हम कहना चाहते हैं कि स्वीडन अब भी समय है, जाग जाओ। यह लोकतंत्र है, हम मुस्लिमों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम उनके विचारों और मान्यताओं के खिलाफ हैं। हम मुस्लिमों के खिलाफ नहीं हैं बल्कि उनकी तरफ ही हैं,लेकिन मुस्लिम धर्म का बहुत नकारात्मक असर पड़ा है और इसे दुनियाभर में बैन किया जाना चाहिए।‘

स्वीडन के PM बोले- कार्रवाई पर पुलिस लेगी फैसला…


स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने कहा- मैं इस बात पर कोई अटकलें नहीं लगाना चाहता कि इस प्रदर्शन का हमारी संभावित NATO मेंबरशिप पर क्या असर पड़ेगा। इस तरह का विरोध प्रदर्शन कानून के दायरे में आता है लेकिन फिर भी ये सही नहीं है। मामले में क्या कार्रवाई की जाएगी ये पुलिस ही तय करेगी। बता दें कि प्रदर्शन के बाद पुलिस ने उस व्यक्ति के खिलाफ एक धर्म को टारगेट करने का केस दर्ज किया है।

पुलिस ने क्यों दी मंजूरी…


इससे पहले स्वीडन पुलिस ने फरवरी में इराक के दूतावास के बाहर उन्हें कुरान जलाने से रोक दिया था। पुलिस का कहना था, कि इससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है। एक एंटी नाटो समूह पर भी कुरान की प्रति जलाने पर बैन लगाया गया है। लेकिन इस साल अप्रैल में कोर्ट ने इस बैन को हटा दिया। कोर्ट ने कहा कि देश के संविधान के तहत प्रदर्शनकारियों के पास एकजुट होने और प्रदर्शन करने का अधिकार है। लेकिन वे देश की सुरक्षा के लिए खतरा नहीं बनने चाहिए। अदालत ने यह कहकर इन प्रदर्शनों को मंजूरी दी है, कि यह अभिव्यक्ति की आजादी है।

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स्वीडिश कोर्ट ने क्या कहा…


स्वीडिश पुलिस ने कई मौकों पर सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कुरान जलाने की अनुमति देने से इनकार किया है, लेकिन उनके फैसले को अदालतों ने खारिज कर दिया है। कोर्ट का तर्क है, कि सार्वजनिक समारोहों और प्रदर्शनों को अनुमति दी जानी चाहिए, जब तक कि वे सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा न हों। रिपोट के अनुसार, स्टॉकहोम पुलिस ने बुधवार को नियोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान व्यवस्था बनाए रखने के लिए देश के अन्य हिस्सों से अतिरिक्त सैन्य बल बुलाया है।

स्वीडन के इस कदम से पड़ेगा नाटो की सदस्यता पर असर…


स्वीडन पुलिस के इस फैसले का उसकी नाटो की मेंबरशिप पर भी असर पड़ सकता है। स्वीडन में इस्लाम के खिलाफ होने वाले प्रदर्शनों की वजह से तुर्की के साथ उसके संबंधों में तनाव बढ़ा है। तुर्की नाटो में स्वीडन की एंट्री के लिए बाधक बनता रहा है। इससे पहले इसी वर्ष जनवरी में भी स्वीडन में कुरान की प्रति जलाई गई थी। इस कारण सऊदी अरब, पाकिस्तान समेत कई मुस्लिम देशों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। स्वीडन में दक्षिणपंथी विचारधारा वाली स्ट्राम कुर्स पार्टी के नेता रासमुस पैलुदान ने नाटो सदस्यता को लेकर तुर्की से चल रहे तनाव के बीच तुर्की दूतावास के बाहर कुरान जलाई थी।

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