Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जी-7 संगठन के सदस्यों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस संगठन के सदस्यों की संख्या 7 सदस्यों की जगह 9 करने में रुचि दिखाई है। इस साल की जी-7 बैठक कल से कनाडा के कनानसकीस में शुरू हुई। पिछले कुछ सालों से 7 देशों के इस गठबंधन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खास तौर पर आमंत्रित किया जाता रहा है।
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ट्रंप ने रखा प्रस्ताव
संगठन के सदस्यों में से एक अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भी बैठक में मौजूद हैं। वहां डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के दो सबसे ताकतवर देशों रूस और चीन को इस संगठन में शामिल करने का प्रस्ताव रखा। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘अगर रूस को इस संगठन से बाहर नहीं किया जाता तो यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध को टाला जा सकता था।’ इतना ही नहीं, उन्होंने इस युद्ध के लिए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को जिम्मेदार ठहराया।
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जी-8 संगठन के नाम से जाना जाता
जी-7 समूह में रूस का पक्ष लेते हुए ट्रंप ने कहा, ‘जी-7 संगठन को मूल रूप से जी-8 संगठन के नाम से जाना जाता था। ओबामा और ट्रूडो नहीं चाहते थे कि रूस इस संगठन में रहे। मुझे लगता है कि यह सबसे बड़ी गलती थी। अगर रूस इस संगठन का हिस्सा होता तो रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा यह युद्ध नहीं होता।’ ट्रंप ने यह भी कहा कि जिस तरह से रूस को हटाया गया, वह पुतिन के लिए बहुत अपमानजनक था। गौरतलब है कि 1997 से 2014 तक इस संगठन को जी-8 संगठन के नाम से जाना जाता था। उस समय रूस इस संगठन का मुख्य सदस्य था।
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क्रीमिया पर कब्जा
हालांकि, 2014 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने और क्रीमिया पर कब्जा करने के बाद रूस को इस संगठन से हटा दिया गया। फिलहाल इस संगठन के सदस्य देश कनाडा, फ्रांस, इटली, जापान, जर्मनी, अमेरिका और ब्रिटेन हैं। साथ ही ट्रंप ने कहा कि इस संगठन में चीन को शामिल करने का विचार भी बुरा नहीं है। ट्रंप ने कहा, ‘अगर कोई चीन को यहां शामिल करने का प्रस्ताव रखता है तो वह प्रस्ताव बिल्कुल भी बुरा नहीं है। मुझे लगता है कि इन देशों को यहां शामिल किया जाना चाहिए।’