सावन माह में करें 12 ज्योर्तिलिंगों के दर्शन….

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

इन दिनों सावन का पवित्र माह चल रहा है। सावन माह को लेकर सनातन धर्म में बहुत ज्यादा मान्यता है , शास्त्रों के अनुसार सावन माह के सोमवार के दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा – अर्चना, व्रत करने से जातक को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। मान्यता यह भी है कि, इस माह में शिव के 12 ज्योर्तिलिंगों के दर्शन करने और आराधना करने से भक्त को मोक्ष और पुत्र की प्राप्ति होगी। ऐसे में सावन के पावन माह में हम आपको शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कराने जा रहे है, साथ ही जानिये इन ज्योतिर्लिंगों की क्या मान्यता है।

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सोमनाथ

सोमनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से प्रथम ज्योतिर्लिंग माना गया है। सोमनाथ की महिमा का महाभारत, श्रीमद्भागवत, स्कन्द पुराण और ऋग्वेद में भी वर्णित किया गया हैं। शायद यही कारण है कि, असंख्य भक्तों की इस ज्योतिर्लिंग में आस्था है। मान्यता है कि, इसका निर्माण स्वयं चंद्रदेव ने किया था।

मल्लिकार्जुन


मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर की वजह से श्रीशैलम शहर प्रसिद्ध है। यह मंदिर भारत के आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में स्थित है। यह हिंदू धर्म के शैववाद और शक्तिवाद संप्रदायों के लिए पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है।

महाकालेश्वर


उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर के बारे में कौन नहीं जानता है। इस मंदिर को 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि दक्षिणामुखी मृत्युंजय भगवान श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होकर सृष्टि का संचार करते हैं। मध्यप्रदेश के हृदय स्थल में स्थित है तीर्थ भूमि उज्जैन।

ॐकारेश्वर


मान्यता नर्मदा क्षेत्र में ओंकारेश्वर सर्वश्रेष्ठ तीर्थ है। शास्त्र मान्यता है कि कोई भी तीर्थयात्री देश के भले ही सारे तीर्थ कर ले किन्तु जब तक वह ओंकारेश्वर आकर किए गए तीर्थों का जल लाकर यहाँ नहीं चढ़ाता उसके सारे तीर्थ अधूरे माने जाते हैं।

केदारनाथ


मान्यता है कि केदारनाथ में भक्त और भगवान का सीधा मिलन होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने यहां पर पांडवों को दर्शन देकर वंश व गुरु हत्या के पाप से मुक्त किया था। वहीं नौंवी सदी में आदिगुरु शंकराचार्य भी इस स्थान से सशरीर स्वर्ग गए थे।

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भीमाशंकर


यह ज्योतिर्लिंग मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शंकर ने कुंभकरण के पुत्र भीमेश्वर का वध किया था। मान्यता है कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने मात्र से व्यक्ति को समस्त दु:खों से छुटकारा मिल जाता है।

काशी विश्वनाथ


यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है ये शिव के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है. मंदिर के प्रमुख देवता श्री विश्वनाथ हैं जिसका अर्थ है ब्रह्मांड के भगवान ऐसी मान्यता है कि अगर भक्त एक बार इस मंदिर के दर्शन और पवित्र गंगा में स्‍नान कर ले तो मोक्ष की प्राप्ति होती है.

त्र्यम्बकेश्वर


शिवजी के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है नासिक के पास स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग। इस मंदिर के संबंध में मान्यता है कि यहां स्थित शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ था यानी इसे किसी ने स्थापित नहीं किया था। ये मंदिर गोदावरी नदी के तट पर स्थित है।

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वैद्यनाथ


इसे भगवान शिव का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है. ये एक ज्योतिर्लिंग है, जो शक्तिपीठ भी है. मान्यता है कि इसकी स्थापना स्वयं भगवान विष्णु ने की थी. बाबा बैद्यनाथ धाम का महत्व- मान्यता है कि इस मंदिर में आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

नागेश्वर


द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति में भी नागेश्वर ज्योतिर्लिंग को दारूकावन क्षेत्र में ही वर्णित किया गया है। महात्म्य के अनुसार जो आदरपूर्वक इस शिवलिंग की उत्पत्ति एवं महात्म्य को सुनेगा और इसके दर्शन करेगा, वह सभी पापों से मुक्त होकर समस्त सुखों को भोगता हुआ अंततः परमपद को प्राप्त होगा।

रामेश्वर


रामेश्वर ज्योतिर्लिंग चार धामों में से एक है। इस तीर्थ को लेकर मान्यता है कि, इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से भक्त को सभी प्रकार के रोगों से निजात मिलता है। उसकी वजह से भी है क्योंकि इसकी स्थापना भगवान राम ने की थी।

घृष्णेश्वर


यह ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के भक्त रही घुष्मा की भक्ति का प्रतीक है। उनके भक्त के नाम पर ही इस उसी के नाम पर ही इस ज्योतिर्लिंग का नाम घुष्मेश्वर रखा गया है । मान्यता है कि, शिवालय के दर्शन के बिना ज्योतिर्लिंग की यात्रा पूरी नहीं मानी जाती है।

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