New Year 2024: साल का पहला दिन बहुत ही खास माना जाता है। क्योंकि नया साल हर किसी के लिए उमंग और उत्साह लेकर आता है। नए साल की शुरुआत अगर अपने ईष्टदेव की आराधना करके की जाए तो सालभर उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है, कष्ट, दुख, दरिद्रता दूर होती है और जीवन में खुशियां, संपन्नता, समृद्धि का वास होता है, वहीं मां लक्ष्मी घर में वास करती हैं।
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आइए जानते हैं उन मंत्रों के बारे में..
बता दें कि इस दिन को आप अपने घर में इच्छा पूर्ति मंत्र जरुर जाप करें इससे आपके हर दुख दुर होगा इसके अलावा अपके घर में दरिद्रता दूर होगी, इसके साथ मान्यता है कि नए साल के पहले दिन पूजा के दौरान कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से साधक को जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है और धन से संबंधित समस्या से छुटकारा मिलता है और मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। आइए जानते हैं उन मंत्रों के बारे में-
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इच्छा पूर्ति मंत्र..
- ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
- आर्थिक स्थिति मंत्र
- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
- धन प्राप्ति मंत्र
- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ ।
- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ॐ ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौं ऐं क्लीं ह्रीं श्री ॐ।
- ॐ ह्री श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा ।
- व्यापार वृद्धि मंत्र
- ॐ ऐं श्रीं महालक्ष्म्यै कमल धारिण्यै गरूड़ वाहिन्यै श्रीं ऐं नमः
- कर्ज मुक्ति मंत्र
- ॐ ह्रीं महालक्ष्मी च विद्महे विष्णुपत्नीं च धीमहि तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ह्रीं ॐ
- शिव मूल मंत्र
- ॐ नमः शिवाय॥
- रूद्र गायत्री मंत्र
- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय
- धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
- कर्ज मुक्ति स्तुति
- ऊँ तां मआ वह जातवेदों लक्ष्मीमनगामिनीम् ।
- यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामवश्वं पुरुषानहम् ।।
- अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनाद प्रमोदिनीम् ।
- श्रियं देवीमुप ह्रये श्रीर्मा देवी जुषताम् ।।
- ऊँ उपैतु मां देवसख: कीर्तिश्च मणिना सह।
- प्रादुर्भूतोSस्मिराष्ट्रेस्मिन् कीर्त्तिमृद्धिं ददातु मे ।।
- ऊँ क्षुत्पिपासमलां ज्येष्ठामलक्ष्मी नाशयाम्यहम् !
- अभूतिम समृद्धिं च सर्वां निणुर्द में गृहात् ।।
- ऊँ मनस: काममाकूतिं वाच: सत्यमशीमहि ।
- पशूनां रूपमन्नस्य मयि: श्री:श्रयतां दश: ।।
- ऊँ आप: सृजंतु स्निग्धानि चिक्लीत वस मे गृहे ।
- निच देवीं मातरं श्रियं वासय में कुले ।।
- ऊँ आर्दा य: करिणीं यष्टिं सुवर्णां हेममालिनीम् ।
- सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मी जातवेदो म आवह ।।
- “ॐ अत्रेरात्मप्रदानेन यो मुक्तो भगवान्
- ऋणात् दत्तात्रेयं तमीशानं नमामि ऋणमुक्तये।”