BJP meeting: लोकसभा चुनाव में सीटें कम होने के बाद पहली बार भाजपा (BJP) प्रदेश मुख्यालय आए राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष (B.L Santosh) के सामने क्षेत्रीय अध्यक्षों और महामंत्रियों ने अपनी नाराजगी और चिंताओं का खुलकर इजहार किया। चुनावी नतीजों में ओबीसी और दलित वोट बैंक के खिसकने से भाजपा नेताओं में काफी निराशा फैली हुई है। इस समस्या को सुलझाने के लिए पार्टी ने सभी मंत्रियों और पदाधिकारियों को इस वोट बैंक को वापस लाने की जिम्मेदारी सौंपी है।
दलित और ओबीसी वोट बैंक पर फोकस
रविवार को बीएल संतोष ने सरकार में दलित मंत्रियों और अनुसूचित मोर्चा के पदाधिकारियों संग बैठक की। इस बैठक में उन्होंने दलित नेताओं से लोकसभा चुनाव में हुए नुकसान की वजह पूछी और उनसे सुझाव लिए। बीएल संतोष ने दलित और ओबीसी नेताओं को निर्देश दिया कि वे इन समुदायों के बीच संवाद बढ़ाएं।
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प्रवक्ताओं की बैठक में चर्चा
बीएल संतोष ने पार्टी के सभी प्रवक्ताओं को बुलाकर आगे की रणनीति पर चर्चा की, मगर इस दौरान कई प्रवक्ता लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन पर चर्चा करने लगे। एक पूर्व सांसद और प्रवक्ता ने दलितों के भाजपा से किनारा करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि मायावती को छोड़कर दलितों का एक बड़ा हिस्सा भाजपा के साथ था, लेकिन इस बार उनका समर्थन क्यों नहीं मिला, यह समझना बहुत जरूरी है। उन्होंने बेरोजगारी को भी एक बड़ा मुद्दा बताया और कहा कि सरकार को रोजगार और सरकारी नौकरियों के अवसर बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
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बीएल संतोष ने दिए महत्वपूर्ण निर्देश
बीएल संतोष ने सभी प्रवक्ताओं की बातों को ध्यान से सुना और नोट किया। बैठक में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह भी मौजूद रहे। बीएल संतोष ने नेताओं को निर्देश दिया कि वे फिलहाल 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव पर एकाग्र रहे और हर सीट को जीतने की रणनीति बनाएं। उन्होंने यह भी कहा कि सभी नेता आपसी मतभेदों को भूलकर चुनाव जीतने की कोशिश में जुट जाएं।
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दलित और ओबीसी के बीच संवाद बढ़ाने के दिए निर्देश
बैठक में नेताओं से फीडबैक लेने के बाद बीएल संतोष ने सभी नेताओं को दलित और ओबीसी के बीच संवाद और पहुंच बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विपक्ष के विजय अभियान को रोकने के लिए दोनों समुदायों के बीच निरंतर अपनी मौजूदगी बनाए रखें। बीएल संतोष ने पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में मेहनत करने और लोकसभा चुनाव में जो भी कमियां रह गई हैं, उन्हें दूर करने की सलाह दी।
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भाजपा की रणनीति
भाजपा (BJP) की इस बैठक से स्पष्ट है कि पार्टी अब पूरी तरह से दलित और ओबीसी वोट बैंक को वापस लाने के लिए सक्रिय हो गई है। चुनावी नतीजों के बाद की यह पहली महत्वपूर्ण बैठक थी, जिसमें नेताओं ने खुलकर अपनी बातें रखीं और बीएल संतोष ने उनके सुझावों पर ध्यान दिया। अब देखना यह है कि आगामी उपचुनावों में भाजपा किस प्रकार इन समुदायों के बीच अपनी पहुंच बनती है और चुनावी नतीजों को अपने पक्ष में करती है। इस बैठक से स्पष्ट है कि भाजपा अब जमीनी स्तर पर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और अपनी रणनीति को मजबूत करके आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयार है।
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