Dimple Yadav ने संसद में NDA सरकार पर तंज कसते हुए कहा- ‘आवारा पशुओं के खतरे के कारण देश सो नहीं पा रहा’

Aanchal Singh
By Aanchal Singh
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UP Assembly: यूपी विधानसभा सत्र (UP assembly session) की आज से शुरुआत हो चुकी है. इस दौरान सत्ता पक्ष की ओर से विधानसभा में सपा की ओर से नियुक्त नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय का विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने स्वागत किया. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की सांसद डिंपल यादव (Dimple Yadav) ने सोमवार को लोकसभा में बोलते हुए केंद्र की एनडीए सरकार पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि पूरा देश ‘चौकीदारों’ में बदल गया है, जो आवारा पशुओं के खतरे के कारण सो नहीं पा रहे हैं. उन्होंने सवाल पूछा कि क्या केंद्रीय बजट में इस समस्या के समाधान के लिए कोई प्रावधान है?

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केंद्रीय बजट पर चर्चा में किसानों और युवाओं के मुद्दे उठाए

दरअसल, आज 23 जुलाई को पेश किए गए केंद्रीय बजट (Union Budget) पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा जारी रही. केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान बोलते हुए डिंपल यादव (Dimple Yadav) ने किसानों और युवाओं के सामने आए कई मुद्दों को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया. मैनपुरी से लोकसभा सांसद डिंपल ने अपने भाषण में कृषि और युवा कल्याण को प्राथमिकता देने पर जोर दिया. उन्होंने कहा, “हमारा देश कृषि प्रधान देश है और अगर हम अपने युवाओं का भविष्य सुनिश्चित नहीं कर सकते तो हम अपने उद्देश्य से भटक जाएंगे.”

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किसानों की आय दोगुनी करने के वादे पर सवाल

सपा सांसद ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के वादे पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा, “मैं पूछना चाहती हूं कि सरकार ने बजट में कृषि के लिए क्या आवंटित किया है? उत्तर प्रदेश को क्या मिला है? क्या पिछले 10 सालों में एक भी मंडी बनी है? क्या जीएसटी से कोई राहत मिली है?”

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आवारा जानवरों की समस्या और ‘चौकीदार’ मुद्दा

इस दौरान डिंपल यादव (Dimple Yadav) ने आवारा जानवरों के मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा कि आवारा जानवरों का मामला देश को चौकीदारों में बदल रहा है. जानवरों की बढ़ती तादात की वजह से लोग अपने खेतों की रखवाली करने के लिए मजबूर होने के कारण सो नहीं पाते. उन्होंने भाजपा के 2019 के ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान का भी जिक्र करते हुए पूछा कि क्या आवारा पशुओं की समस्या को हल करने के लिए बजट में कोई प्रावधान रखा गया है?

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किसानों की आत्महत्या और बीमा योजना पर हमला

इसके साथ ही डिंपल यादव (Dimple Yadav) ने किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि 2020 और 2021 में तीन कृषि सुधार विधेयकों के विरोध में 700 किसानों ने अपनी जान गंवा दी और 2014 से 2022 तक एक लाख किसानों ने आत्महत्या की. किसानों की बीमा योजना से कितना लाभ हुआ है? पशु अर्थव्यवस्था चरमरा रही है, देश में महंगाई बढ़ रही है.

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