Prime Chaupal: आजादी के बाद से देश में शिक्षा सुधार के लिए अनगिनत योजनाएं और वादे किए जा चुके हैं। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से लेकर लखनऊ जनपद के गोसाईगंज ब्लॉक के ग्राम जहांगीरपुर तक, कई प्राथमिक विद्यालय आज भी खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। जहांगीरपुर में कुछ साल पहले बना स्कूल आज जर्जर हालत में है, जहां बच्चों के लिए पढ़ाई से ज्यादा खतरे हैं।
गांव में गंदगी का अंबार, सफाई व्यवस्था पूरी तरह फेल

गांव की हालत इतनी बदतर है कि सड़कों के किनारे कूड़े-कचरे के ढेर लगे हैं। नालियों में गंदगी, प्लास्टिक और कीड़े भरे हुए हैं। गांव के लोग इस दुर्दशा के लिए भ्रष्टाचार और सरकारी लापरवाही को ज़िम्मेदार ठहराते हैं। लोगों का कहना है कि शासन भले ही करोड़ों रुपये विकास योजनाओं पर खर्च कर रहा हो, लेकिन उनके गांव तक उसका कोई असर नहीं पहुंचा।
प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित जरूरतमंद
जहांगीरपुर गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि वे पोते-पोतियों वाले हो गए हैं, लेकिन आज भी झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं। हैरानी की बात यह है कि उन्हें अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। अगर ऐसे लोग भी इस योजना के पात्र नहीं हैं, तो आखिर पात्र कौन हैं?
सफाई कर्मचारी लापता, दिखावे भर की कार्रवाई

ग्रामीणों के अनुसार, आखिरी बार पिछले रक्षा बंधन पर सफाई कर्मी गांव में आया था। उसके बाद से कोई सफाई नहीं हुई। गांव में साफ-सफाई सिर्फ कागजों में होती दिखती है। सफाई कर्मी हों या प्रधान प्रतिनिधि—जिम्मेदार लोग गांव की वास्तविक स्थिति से बेखबर या फिर जानबूझकर अनदेखी कर रहे हैं।
विकास के नाम पर भेदभाव
ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले अन्य गांवों में कुछ कार्य हुए हैं, लेकिन जहांगीरपुर को इन कार्यों से अछूता रखा गया है। ग्रामीण सवाल कर रहे हैं कि जब एक ही प्रधान के अंतर्गत कई गांव आते हैं, तो फिर विकास में भेदभाव क्यों? क्या यह प्रशासनिक लापरवाही है या सुनियोजित अनदेखी?
विकास के नाम पर सिर्फ वादें

जहांगीरपुर जैसे गांव सरकार की योजनाओं और जमीनी सच्चाई के बीच की खाई को उजागर करते हैं। प्राइम टीवी ने यह मुहिम छेड़ी है कि जब तक सरकारी योजनाओं का लाभ सही मायनों में जरूरतमंदों तक नहीं पहुंचेगा, तब तक हम चुप नहीं बैठेंगे। अब देखना यह है कि गांवों के लोग कब तक विकास से वंचित रहते हैं या कब तक सिर्फ वादों से काम चलाते हैं।