Digital Payment Attack:देशभर में साइबर अपराधियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। अब इन अपराधियों ने डिजिटल पेमेंट को अपना नया निशाना बना लिया है। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक संदिग्ध बैंक खाते की जानकारी मिली, जिससे कई अन्य खातों में बड़ी मात्रा में पैसे ट्रांसफर किए गए थे। इस पर कार्रवाई करते हुए मंत्रालय ने संबंधित बैंक खाते को सीज करने के आदेश जारी किए हैं। इस मामले की जानकारी नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल द्वारा बैंकों को दी जा रही है। इसका सबसे बड़ा नुकसान अब पेट्रोल पंप मालिकों को उठाना पड़ रहा है।
पंप मालिकों के बैंक अकाउंट सीज
महाराष्ट्र समेत देश के कई हिस्सों में पेट्रोल पंप मालिकों के बैंक अकाउंट सीज कर दिए गए हैं, जिनमें लाखों रुपये फंसे हुए हैं। इसी वजह से अब पेट्रोल पंप मालिक डिजिटल पेमेंट लेने से पीछे हट रहे हैं। अगर जल्द ही कोई समाधान नहीं निकाला गया, तो आने वाले दिनों में आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। डिजिटल पेमेंट बंद होने से ग्राहकों को अब नकद भुगतान करना अनिवार्य होगा।
सरकार ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं
ऑल महाराष्ट्र पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित गुप्ता ने जानकारी दी है कि 10 मई से नागपुर जिले के पेट्रोल पंपों पर गूगल पे, फोन पे, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से पेमेंट नहीं लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो धीरे-धीरे यह फैसला पूरे राज्य में लागू किया जा सकता है।
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डिजिटल पेमेंट को प्राथमिकता
मुंबई और नागपुर जैसे बड़े शहरों में जहां अधिकतर लोग डिजिटल पेमेंट को प्राथमिकता देते हैं, वहां इस फैसले का असर बहुत बड़ा हो सकता है। दोपहिया और चारपहिया वाहन चालकों को सलाह दी गई है कि वे पेट्रोल, डीजल या सीएनजी भरवाने से पहले नकद राशि साथ लेकर जाएं, नहीं तो उन्हें ईंधन नहीं मिलेगा।बैंक की ओर से भी अब एटीएम से कैश निकालने पर अतिरिक्त चार्ज लगाए जा रहे हैं, जिससे लोग कम मात्रा में नकदी निकाल रहे हैं। ऐसे में यदि पेट्रोल पंप पर डिजिटल पेमेंट नहीं लिया जाएगा तो आम जनता की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।