Bihar के Gaya में डायरिया का कहर, तीन की मौत, 50 से अधिक लोग बीमार, भोज के बाद बिगड़ी तबीयत

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Bihar News: बिहार के गया (Gaya) जिले के बोधगया प्रखंड के मंझौली गांव में डायरिया (Diarrhea) का प्रकोप फैलने से दो बच्चों समेत तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक लोग गंभीर रूप से बीमार हैं. डायरिया के कारण गांव में भय का माहौल है और लोग अपने परिवारों को सुरक्षित जगहों पर भेज रहे हैं. स्थानीय चिकित्सक और स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रभावित लोगों का इलाज कर रही है.

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डायरिया से तीन की मौत, बच्चे और महिला शामिल

बताते चले कि गांव में डायरिया (Diarrhea) फैलने के कारण 7 से 10 साल के दो बच्चों, गौरी और मिथुन कुमार की मौत हो गई. इसके अलावा, नरेश यादव की पत्नी का भी निधन हो गया. डायरिया के कारण लोगों में दस्त और उल्टी की शिकायतें हो रही हैं, जिसके चलते कई ग्रामीण गंभीर स्थिति में हैं और आसपास के निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं.

भोज के बाद बिगड़ी तबीयत

वहीं, इस बारे में गांव के एक व्यक्ति ने बताया कि एक घर में भोज का आयोजन किया गया था, जिसके बाद लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी. सबसे पहले बच्चों में बीमारी के लक्षण दिखाई दिए, जिसके बाद धीरे-धीरे बड़े लोग भी दस्त और उल्टी की शिकायत करने लगे. ग्रामीण अंबिका यादव के अनुसार, डायरिया के कारण तीन लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग अभी भी विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं.

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स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची

डायरिया (Diarrhea) फैलने की सूचना मिलते ही बोधगया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. मनोज कुमार ने दो एंबुलेंस और चिकित्सकों की एक टीम को मंझौली गांव भेजा. फिलहाल, डॉक्टरों की टीम गांव में कैंप कर रही है और बीमार लोगों का इलाज कर रही है. हालांकि, जिले के सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार को इस मामले की जानकारी नहीं थी। उन्होंने बताया कि उन्हें इस प्रकोप की जानकारी नहीं है, लेकिन जांच करवाई जा रही है.

गांव में भय का माहौल

डायरिया (Diarrhea) के कारण गांव में दहशत का माहौल व्याप्त है. कुछ लोग बीमारी के डर से अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ले रहे हैं. मंझौली गांव के अलावा आस-पास के क्षेत्रों में भी लोग स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण चिंतित हैं. स्थानीय लोग निजी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए मजबूर हैं क्योंकि सरकारी अस्पताल की सेवाओं तक पहुंचने में समय लग रहा है.

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स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों पर उठे सवाल

इस घटना से स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों और जागरूकता पर सवाल उठ रहे हैं. सिविल सर्जन को घटना की जानकारी नहीं होना प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कार्यवाही की होती, तो शायद जानमाल का नुकसान रोका जा सकता था. मंझौली गांव में डायरिया का प्रकोप गंभीर स्थिति में है और प्रशासन को जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और प्रभावित लोगों को समय पर इलाज प्रदान करने के लिए प्रशासनिक स्तर पर तत्काल कार्यवाही की जरूरत है, ताकि इस बीमारी का और अधिक फैलाव रोका जा सके.

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