Dhumavati Jayanti 2025: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है। लेकिन धूमावती जयंती को बेहद ही खास माना गया है जो कि मां धूमावती की पूजा अर्चना को समर्पित है। इस दिन भक्त माता की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं माना जाता है कि देवी धूमावती 10 महाविद्याओं में से 7वीं महाविद्या हैं। इनकी उत्पत्ति ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर हुई थी।
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यही कारण है कि हर साल इस तिथि को धूमावती जयंती मनाई जाती है। मान्यता है कि इनकी कृपा से दरिद्रता दूर होती है और धन वैभव की प्राप्ति होती है। तो हम आपको धूमावती जयंती की तारीख व अन्य जानकारी प्रदान कर रहे हैं।

ज्योतिष अनुसार देवी धूमावती की पूजा अर्चना करने वाले जातक को केतु से संबंधित समस्याओं से मुक्ति मिलती है साथ ही सभी प्रकार के संकट व बाधाएं भी दूर हो जाती हैं। जो लोग अति दरिद्र हैं उन्हें मां धूमावती की पूजा जरूर करनी चाहिए।
धूमावती जयंती की तारीख
हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 2 जून दिन सोमवार को रात 8 बजकर 34 मिनट से आरंभ हो रही है। इस तिथि का समापन 3 जून दिन मंगलवार को रात 9 बजकर 56 मिनट पर हो जाएगा। वहीं उदयातिथि के आधार पर धूमावती जयंती 3 जून मंगलवार को मनाई जाएगी।
पूजा का शुभ मुहूर्त
आपको बता दें कि 3 जून को धूमावती जयंती के अवसर पर ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 2 मिनट से 4 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। इस दिन अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। लाभ उन्नति मुहूर्त सुबह 10 बजकर 35 मिनट से दोपहर 12 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। वहीं 12 बजकर 19 मिनट से दोपहर 2 बजकर 3 मिनट तक रहेगा। इस दिन निशिता काल मुहूर्त रात 11 बजकर 59 मिनट से देर रात 12 बजकर 40 मिनट तक है।
धूमावती जयंती के दिन भूलकर भी वाद विवाद और झगड़ा नहीं करना चाहिए। इस दिन घर आए गरीबों को खाली हाथ नहीं भेजना चाहिए। इसके अलावा क्रोध करने से भी बचना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से जीवनभर संकट उठाना पड़ सकता है।

