गुरु पूर्णिमा पर बुद्ध विहार पर मनाया गया धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस….

Shankhdhar Shivi
By Shankhdhar Shivi

संवाददाता- Ganesh ray

सुगतानन्द बुद्ध विहार पर भिक्खु व उपासक संघ द्वारा मानव कल्याण व विश्व शान्ति हेतु की गयी ध्यान साधना
जनपद के सई नदी के तट पर स्थित सुगतानन्द बुद्ध विहार पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने गुरु पूर्णिमा को धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस के रूप में मनाया।

मानव कल्याण व विश्व शान्ति

इस अवसर पर पावन भिक्खु संघ व उपासको द्वारा पुण्यानुमोदन,आनापानसति, व महापरित्राण आयोजित कार्यक्रम में उपासिकाओ व उपासको ने परंपरागत रूप से श्वेत वस्त्रों में अपनी सहभागिता प्रदान किया। कार्यक्रम का बुद्धारम्भ पावन भिक्खु धम्ममित्र द्वारा त्रिशरण व पंचशील व धम्मध्वजारोहण के साथ हुआ। इस अवसर पर चतुर्मास तक अष्टशील अधिष्ठान लिए हुए गया प्रसाद स्वावलंबी ने कहा कि आज ही के दिन सिद्धार्थ गौतम ने माता महामाया की कोख में गर्भ धारण किया था।

आज के दिन के दिन ही राज कुमार सिद्धार्थ ने लोक-कल्याण की भावना से महाभिनिष्क्रमण किया था। आज ही के दिन बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ (मृगदाव वन) की पावन भूमि पर पंच्चवर्गीय भिक्खुओं अस्सि, वप्प,कौंडिन्य, महानाम व भद्दीय को ‘धम्मचक्कप्पवत्तन सुत्त’ का उपदेश दिया था। आज ही के दिन पंच्चवर्गीय भिक्खओं ने तथागत को अपना गुरू स्वीकार किया था। जिसकी वजय से इस पूर्णिमा को संसार में गुरू पूर्णिमा भी कहते हैं।

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कार्यक्रम का संयोजन व संचालन राकेश कन्नौजिया ने कहा कि वर्षावास रखने का प्रावधान श्रमण संस्कृति का अभिन्न अंग है। बौद्ध लोग इसे वर्षावास कहते हैं, तो जैन लोग इसे चातुर्मास अथवा चातुर्याम। जिसका पालन बौद्ध भिक्खु और जैन मुनि करते हैं। वर्षावास करने की परम्परा का शुभारम्भ स्वयं भगवान बुद्ध ने किया था, जो आज तक भी निरन्तर चली आ रही है।

इस अवसर पर राजीव कुमार, राम उमरवैश्य, राम प्यारी-लीलावती,रंजू संजय,माधुरी राकेश, सुशील दद्दू, वेद प्रकाश सरोज,राजेश नागर,ज्ञानेंद्र मौर्य, धर्मेंद्र , कमलेश ,दीपक ,शिव कुमार,अवधेश सरोज, दीपशिखा-संजय गौतम,सुरेन्द्र विमल,बृजेश सरोज,राजेन्द्र बौद्ध, सुनील काका,सूरज बौद्ध,रंजू बौद्ध,आरती बौद्ध,विमल बौद्ध,अजय, सी0पी0 राव, विनोद कुशवाहा,आर0 बी0 मौर्य, महेशमणि,संजय गौतम,आरती-शक्ति प्रकाश,आराधना मौर्य, धर्मराज मौर्य आदि सहभागिता की।

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