Uttarakhand: उत्तराखंड की धामी सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है. किसानों को अब नहरों से खेतों की सिंचाई के लिए पानी मुफ्त में मिलेगा. पहले किसानों को नहरों से खेतों की सिचांई के पानी के लिए सिंचाई कर देना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नही होगा. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यूपी की तरह ही राज्य के किसानों की नहरों से सिंचित भूमि पर आपासी (सिंचाई कर) बंद करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. इससे किसानों को बहुत बड़ी राहत मिली है.
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यूपी के बाद उत्तराखंड में उठी थी मांग
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आपको बता दे कि राज्य में सालाना आपासी के रूप में सिंचाई विभाग को लगभग तीन करोड़ का राजस्व मिलता आया है. प्रदेश में कृषि का कुल क्षेत्रफल 5.68 लाख हेक्टेयर है. इसमें 3.13 लाख हेक्टेयर में ही सिंचाई की सुविधा है. मैदानी क्षेत्र में 2.79 लाख हेक्टेयर और पर्वतीय क्षेत्र में 0.34 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होती है.नहरों, गूलों से खेतों तक पानी पहुंचाने के एवज में सिंचाई विभाग संबंधित किसानों से प्रतिवर्ष आपासी यानी सिंचाई कर वसूलता है. इस बीच यूपी में आपासी बंद कर दिए जाने के बाद उत्तराखंड में भी इसकी मांग उठ रही थी, जिसको देखते हुए धामी सरकार ने एक बहुत ही अहम कदम उठाया है.
सिंचाई विभाग के प्रस्ताव को धामी सरकार ने दी मंजूरी
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वहीं इसी सिलसिले में सिंचाई विभाग की ओर से सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था, जिस पर सीएम धामी ने स्वीकृति दे दी है. सिंचाई विभाग के विभागाध्यक्ष जेपी सिंह के अनुसार अब किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए नहरों से मुफ्त में पानी उपलब्ध हो सकेगा. सीएम धामी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सेविका कर्मचारी यूनियन, आंगनबाड़ी कार्यकत्री/सेविका/मिनी कर्मचारी संगठन, आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता यूनियन, उत्तराखंड भोजन माता कामगार यूनियन की प्रमुख मांगों पर विचार करने के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित किए जाने की भी सहमति प्रदान की है. ये संगठन विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. अब समिति उनकी मांगों पर विचार कर शासन को आख्या उपलब्ध कराएगी.
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