Devshayani Ekadashi 2025: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व होता है। लेकिन एकादशी व्रत को बेहद ही खास माना गया है जो कि माह में दो बार पड़ती है। ऐसे साल में कुल 24 एकादशी व्रत किया जाता है जो कि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दौरान भक्त भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करते हैं और दिनभर उपवास भी रखते हैं। लेकिन इन सभी एकादशी व्रत में देवशयनी एकादशी को सबसे अधिक महत्वपूर्ण बताया गया है। इसी दिन से चातुर्मास का आरंभ हो जाता है।
देवशयनी एकादशी के दिन से ही जगत के पालनहार भगवान विष्णु पूरे चार माह के लिए पाताल लोक में योगनिद्रा में चले जाते हैं जिससे सभी शुभ और मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है। चातुर्मास के दिनों में शादी विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, सगाई जैसे कार्यों को नहीं किया जाता है यह समय पूजा पाठ और व्रत के लिए उत्तम माना जाता है।

चातुर्मास के चार महीनों में रक्षाबंधन, दशहरा, दिवाली जैसे बड़े त्योहार मनाए जाते हैं इस बार देवशयनी एकादशी का व्रत 6 जुलाई को रखा जाएगा। देवशयनी एकादशी के दिन पूजा पाठ के अलावा कुछ विशेष स्थानों पर दीपक जलाना शुभ माना जाता है मान्यता है कि ऐसा करने से प्रभु की असीम कृपा बरसती है और कष्टों का निवारण हो जाता है।
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एकादशी पर यहां जलाएं दीपक
तुलसी कोट
देवशयनी एकादशी के दिन शमा के समय तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जरूर जलाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से धन की देवी मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं और कष्टों को दूर कर देती हैं।
प्रवेश द्वार पर
रोजाना घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना शुभ माना जाता है लेकिन एकादशी के दिन जरूर घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर घी का दीपक जरूर जलाएं। ऐसा करने से नकारात्मकता दूर हो जाती है और घर में सकारात्मकता का संचार होता है।
पूजा स्थल
एकादशी से एक दिन पहले ही पूजा घर की अच्छी तरह से साफ सफाई करें इसके बाद देवशयनी एकादशी के दिन गंगाजल छिड़कें। पूजा करें और फिर 24 घंटे के लिए अखंड ज्योति जलाएं। ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है और घर में सुख समृद्धि आती है।
रसोई घर
मां अन्नपूर्णा का वास रसोईघर में होता है ऐसे में देवशयनी एकादशी की रात को रसोई घर की साफ सफाई करें इसके बाद एक दीपक जलाएं। ऐसा करने से घर में कभी भी अन्न धन की कमी नहीं होती है और हमेशा बरकत बनी रहती है।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।