Devdutt Padikkal:भारतीय क्रिकेट टीम के युवा ओपनर बल्लेबाज देवदत्त पडीक्कल ने विजय हजारे ट्रॉफी 2025 के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में बड़ोदा के खिलाफ एक शानदार शतक जड़ा। ऑस्ट्रेलिया दौरे से वापस लौटने के बाद पडीक्कल ने कर्नाटक की टीम के लिए खेलते हुए 102 रन की धमाकेदार पारी खेली और अपनी पूरी क्रिकेट क्षमता का प्रदर्शन किया।
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ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मिले थे सीमित मौके
देवदत्त पडीक्कल को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहले टेस्ट मैच में खेलने का मौका मिला था। हालांकि, पहले टेस्ट में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। वह पहली पारी में डक पर आउट हो गए थे, जबकि दूसरी पारी में उन्होंने 25 रन बनाए थे। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिले इस छोटे से मौके का पूरा फायदा न उठा पाने के बाद, उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में अपनी फार्म को वापस पाया और बड़ोदा के खिलाफ जबरदस्त शतक लगाकर अपनी क्षमता का एहसास कराया।
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शानदार शतक और पारी की धाक
बड़ोदा के खिलाफ खेले गए मैच में देवदत्त पडीक्कल ने 96 गेंदों पर 102 रन की बेहतरीन पारी खेली। इस दौरान उन्होंने 2 छक्के और 15 चौके लगाए। उनका स्ट्राइक रेट 103.03 का रहा, जो इस पारी की आक्रामकता को दर्शाता है। पडीक्कल का यह शतक उनके लिस्ट ए क्रिकेट करियर का नौवां शतक था, जो उनके शानदार प्रदर्शन को और भी खास बना देता है।
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टीम के लिए महत्वपूर्ण साझेदारी
इस मैच में देवदत्त ने कर्नाटक के कप्तान मयंक अग्रवाल के साथ पारी की शुरुआत की थी, लेकिन मयंक केवल 6 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद देवदत्त ने अनीस केवी के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 133 रन की शतकीय साझेदारी की। अनीस ने भी अपनी आक्रामक बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए 52 रन बनाए, जिसमें एक छक्का और 4 चौके शामिल थे। इस साझेदारी ने कर्नाटक की पारी को मजबूत बनाया और बड़ोदा के गेंदबाजों के खिलाफ दबाव बनाए रखा।
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बड़ोदा का गेंदबाजी प्रयास
बड़ोदा के कप्तान क्रुणाल पांड्या ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया था। हालांकि, कर्नाटक के बल्लेबाजों ने बड़ोदा के गेंदबाजों का डटकर सामना किया और बड़े स्कोर की ओर बढ़ते रहे। पडीक्कल का शतक और अनीस केवी की अर्धशतकीय पारी ने कर्नाटक को मैच में मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया।
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डेब्यू का इंतजार
देवदत्त पडीक्कल भारत के लिए टेस्ट और टी20 इंटरनेशनल में डेब्यू कर चुके हैं, लेकिन वह अभी तक वनडे क्रिकेट में भारत के लिए पदार्पण नहीं कर पाए हैं। उनके इस बेहतरीन शतक से यह संकेत मिलता है कि वह अपनी फॉर्म में लौट आए हैं और भविष्य में वनडे टीम में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।